Tulsi Vivah 2023: हमारे हिंदू धर्म में आज एकादशी का बेहद खास महत्व होता है। ग्यारस तिथि भगवान श्री हरी विष्णु को समर्पित होती हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है इस दिन व्रत रखने से भगवान श्री हरी विष्णु की विशेष कृपा मिलती है और घर में सुख शांति बनी रहती है। इसके अलावा मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस एकादशी को देव उठनी ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने का शयन काल पूरा होने के बाद अपनी निद्रा से जागते हैं। देव उठनी ग्यारस के दिन तुलसी विवाह भी किया जाता है। इस दिन से भगवान श्री हरी इस संसार का कार्यभार संभालते हैं और इस दिन से सभी प्रकार मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।
ये है जरूरी सामग्री :-
– तुलसी का पौधा, शालिग्राम, विष्णुजी की प्रतिमा
– लकड़ी की चौकी
– गन्ना, मूली, आंवला, शकरकंद, बेर, सिंघाड़ा, सीताफल
– धूप-दीप, फूल, हल्दी की गांठ
– लाल चुनरी, चूड़ियां और शृंगार की सामग्री
– बताशा, मिठाई
– अक्षत,रोली, कुमकुम
– तुलसी का पौधा
ये है पूजा विधि :-
आज तुलसी विवाह के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें, इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई करना चाहिए उसके बाद गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए । इसके बाद वहां 2 लकड़ी की चौकी रखें और उसके ऊपर लाल रंग का आसन बिछा लें। इसके बाद एक कलश में गंगा जल भरकर उसमें आम के 7 पत्ते डाल दें। उसके बाद आखिरी में तुलसी के गमले को गेरू से रंगने के बाद एक आसन पर स्थापित कर दें और दूसरे आसन पर शालिग्राम जी को रख कर दें।
ये है शुभ मुहूर्त :-
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 23 नवंबर को रात 9 बजकर 1 मिनट से शुरू हो रही है और ये 24 नवंबर की शाम 7 बजकर 6 मिनट पर खत्म होगी। इस समय में तुलसी विवाह करना शुभ माना जाएगा।