नई दिल्ली: एक तरफ जहा देश में कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। वही दूसरी तरफ कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खुशखबरी मिली है। आइसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि दो भारतीय स्वदेशी टीके तैयार किए जा रहे हैं। बता दे कि भारत में 2 कंपनियां अलग-अलग साइट्स पर 1000-1000 लोगों पर वैक्सीन के लिए क्लिनिकल स्टडी कर रही है। वे चूहों और खरगोशों पर परीक्षण कर चुकी हैं। ड्रग कंट्रोलर जनरल (DGCI) को डेटा प्रस्तुत किया गया था, जिसके बाद इन दोनों को इस महीने की शुरुआत में प्रारंभिक चरण के मानव परीक्षण शुरू करने की मंजूरी मिल गई।
भार्गव ने कहा कि दुनिया में इस्तेमाल होनेवाले 60 फीसद वैक्सीन भारत में बनते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व में भारत को दवाओं की खान माना जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में उपयोग की जाने वाली दवाओं का लगभग 60 प्रतिशत भारतीय मूल की हैं। यह संभवतः दुनिया के काफी लोग जानते हैं। इसलिए वे भारत के संपर्क में हैं। साथ ही डॉ. भार्गव ने कहा कि रूस ने भी वैक्सीन को हासिल करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। उसे प्राथमिक चरणों में सफलता भी मिली है। रूस ने वैक्सीन विकसित करने में तेजी लाई है। वहीं दूसरी ओर चीन भी वैक्सीन तैयार करने में जोर-शोर से जुटा हुआ है। वहां वैक्सीन पर तेजी से अध्ययन किए जा रहे हैं।
डॉ. बलराम भार्गव का कहना कि अमेरिका में भी दो वैक्सीन पर काम तेज कर दिया है। आज आपने पढ़ा होगा कि अमेरिका ने दो वैक्सीन कैंडिडेट्स को तेज कर दिया है। इंग्लैंड भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैक्सीन पर तेजी से काम हो रहा है। वह वैक्सीन को इंसानों के इस्तेमाल के लायक बनाने को लेकर तत्पर है।