इंदौर जैसे महानगर और औद्योगिक राजधानी में अधिक ही रहेगी संक्रमण दर

Mohit
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यह सामान्य बुद्धि की बात है कि इंदौर जैसे महानगर और औद्योगिक राजधानी में खंडवा, बुरहानपुर या ऐसे जिले-देहात की तुलना में संक्रमण दर हमेशा ही ज्यादा रहेगी…वही उसके साथ इलाज की भी पूरे प्रदेश की तुलना में सबसे बेहतर सुविधाएं भी हैं… इंदौर में अगर रोजाना 10 हजार सैम्पलों की जांच में एक हजार कोरोना मरीज यानी 10 फीसदी भी निकलते हैं तो उनके इलाज की पर्याप्त और अच्छी व्यवस्था है… इसलिए यह तर्क दिया जाना कि पूरे प्रदेश की संक्रमण दर 5 फीसदी से कम हो, तभी वह जिला अनलॉक किया जाएगा…इंदौर जैसे बड़े शहरों के लिए समझ से परे है … इंदौर जैसा शहर आईटी, फार्मा से लेकर अन्य औद्योगिक गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र है, जहां से पूरे प्रदेश और उसके बाहर माल की आवाजाही बनी रहती है और बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन होता है और अभी कोरोना में ही आसपास के जिलों के मरीज और उनके परिजन भी इंदौर ही बड़ी संख्या में आते-जाते रहे… ऐसे में सड़कों से लेकर अन्य स्थानों पर चहल-पहल भी अधिक नजर आएगी। खंडवा -खरगोन अगर 100 -200 मरीजों का इलाज विशेषज्ञता के साथ नहीं कर सकता.. वही इंदौर दो हजार से अधिक मरीजों का इलाज आसानी से कर लेता है .. क्योंकि इतनी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मौजूद हैं… यह अवश्य है कि अप्रैल के महीने में जब तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ी और बाहरी मरीजों का दबाव रहा, तब बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन की कमी रही, मगर अब स्थिति सामान्य है… ऐसे में अब अगले कुछ दिनों तक 10 फीसदी भी मरीज इंदौर में रोजाना मिलते हैं तो उनका इलाज आसानी से हो सकता है और हर्ड इम्युनिटी के लिए यह इंदौर के लिए लाभदायक भी साबित होगा… क्योंकि हर्ड इम्युनिटी और वैक्सीनेशन से ही कोरोना को मात दी जा सकती है…यह दुनियाभर के विशेषज्ञों ने माना भी है… कोरोना से लड़ाई लम्बी है, इसलिए इंदौर जैसे औद्योगिक जिले को लम्बे समय तक लॉकडाउन के बंधन में नहीं रखा जा सकता… गरीब, निम्न, मध्यमवर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति चौपट हो गई है और कोरोना के इलाज ने कमर अलग तोड़ दी . लिहाजा मुख्यमंत्री से लेकर अन्य जिम्मेदार अफसर 5 फीसदी से कम संक्रमण दर की रट लगाना छोड़ें और सख्ती, सावधानी के साथ इंदौर को 1 जून से अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू करें…कोरोना अभी वैसे भी ख़त्म नही होने वाला और शून्य संक्रमण दर आने वाली नहीं है और ये भी नही भूले की पूरी दुनिया को एक ही आदमी ने संक्रमित किया है तो क्या आखरी व्यक्ति के कोरोना मुक्त होने तक लॉकडाउन लगाया जा सकता है …?