जाति, राष्ट्रीयता और धर्म से परे जाकर गुरुदेव ने एक विश्व परिवार के संदेश को फिर से किया प्रकाशित

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दुनिया के कोने-कोने में शांति लाना हम सबकी जिम्मेदारी है। जब तक हमारे वैश्विक परिवार का प्रत्येक सदस्य शांतिपूर्ण नहीं है, तब तक हमारी शांति अधूरी है। यह प्रेरक उद्बोधन देने वाले श्रीधी ने हिंसा रहित विश्व के निर्माण में अपूर्व योगदान दिया। वे सबसे असंभावित जगहों पर भी शांति का संदेश पहुँचाने का प्रयास करते रहे। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि हिंसा मुक्त विश्व की उनकी कल्पना एक वास्तविकता है। कोलंबिया में शांति के लिए श्रीश्री ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ५३ वर्ष पुराने संघर्ष को समाप्त कर वे २०१५ में एपएआरसी के नेताओं को वार्ता की मेज पर लाने में सफल रहे। अंततः एकतरफा बुद्धविराम की घोषणा करने के लिए सभी राजी हो गए।

 

बीबी के मार्गदर्शन में आर्ट ऑफ लिविंग अब भी बगदाद में पुनर्वास में लगी हुई है। संस्था ने अब तक ५० हजार से अधिक लोगों को लाभान्वित किया है। थीथी ने स्वयं नवंबर २०१४ को तीसरी बार इसका का दौरान किया और शांति सम्मेलन को संबोधित कर राहत शिविरों का दौरा भी किया। संगठन ने सक्रिय रूप से जॉर्डन, लेबनान, सीरिया और इराक में सीरियाई शरणार्थियों और युद्ध से बचे लोगों की सेवार्य कार्य किया। विश्व के आपदा ग्रस्त देशों के साथ बीबी ने कश्मीर में भी संवाद का निर्माण किया। २००४ से जम्मू और कश्मीर में समाज के सभी वर्गों के साथ जुड़े रहे और एक दशक से अधिक समय से लगातार और निरंतर संवाद में हैं।

२००७ में संस्था द्वारा आयोजित शेर-ए-कश्मीर में अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में सैयाद अली शाह गिलानी ने धीधी का स्वागत किया। २०१६ में बैक टू पैराडाइज कॉन्फ्रेंस हो या फिर मीरवाइज उमर फारूक महित हुयत नेताओं के साथ बैठक, श्रीधी ने घाटी में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हर संभव प्रयास किए। सशस्त्र उग्रवाद के जाल में फंसे ५ हजार से अधिक लोगों को हिंसा का रास्ता छोडने प्रेरित करने की मुहिम हो या फिर २७ शैक्षणिक संस्थानों के पुननिर्माण की पेशकश, थीथी ने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किए। कश्मीर के अलावा श्रीश्री ने मणिपुर में भी ६८ उग्रवादियों की घर वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अनेक उग्रवादी संगठनों से जुड़े लोगों की घर वापसी के लिए शिविरों के साथ ही बीबी ने वर्ष 2013 में उल्फा के 231 सदस्यों के लिए एक विशेष सशक्तिकरण कार्यक्रमा का आयोजन भी किया।

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गुवाहाटी में ६७ विभिन्न संगठनों के नेता जिनमें पूर्व में हथियार उठाने वाले भी शामिल थे उनके लिए विविधता में शक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया। यह नार्थ ईस्ट में शांति की एक अभिनव पहल भी थीथी के निरंतर हस्तक्षेप से प्रोत्साहित यूपीएलए ने अंततः २ अक्टूबर २०१८ गांधी जयंती पर आर्ट ऑफ लिविंग आश्रम में संघर्ष विराम की घोषणा की। श्रीधी के शांति एवं पुनर्वास के प्रयासों में पैगाम-ए-मोहब्बत (2017-18). एफएआरसी व कोलंबिया में मध्यस्थता (2016), गुर्जर समुदाय के साथ मध्यस्थता (2008), दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय तनाव के दौरान हस्तक्षेप (2008), जातीय राजनीतिक संघर्ष, रूस (2008). श्रीलंकाई संघर्ष (2005), इराक संघर्ष (2014). कोटे डी आइवर (आइवरी कोस्ट) (2007). कश्मीर