हाईवे पर होने वाले हादसे एवं पुल निर्माण को लेकर चक्का जाम

Ayushi
Published on:

राजगढ़: जिले के नरसिंहगढ़ नेशनल हाईवे पर आए दिन होने वाले दुर्घटनाओं के कारण कई लोगों की मौत हो गई जिसके चलते आज नगर और ग्रामीण लोगों ने नेशनल हाईवे 12 पर चक्का जाम लगाया|फोर लेन कंपनी निर्माण करने वाली सीडीएस कंपनी ने निर्माण किया रोड के निर्माण में कई कमियां रह गई जब सड़क निर्माण हुआ था उस समय ब्रिज बनाने की मंजूरी थी परंतु कंपनी ने ब्रिज का निर्माण न किया आए दिन हादसे हो रहे हैं सभी ने कंपनी के अधिकारियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग की।

जब चक्का जाम की खबर प्रशासन को लगी तो प्रशासनिक अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर चक्का जाम करने वालों से अपील की कि वह अपना मांग शांतिपूर्ण तरीके से करें आप की मांग को हम ऊपर तक भेज देंगे इस पर ग्रामीण और शहर वासियों चक्का जाम खोलने को तैयार नहीं है। प्रशासनिक अधिकारी एसडीओपी भारतेंदु शर्मा नायब तहसीलदार विकास रघुवंशी थाना प्रभारी एसएस नागर की काफी समझाइश के बाद बात करने को तैयार और मंगलवार तक का समय दिया। सभी नगर वासियों और ग्राम वासियों प्रशासन से मांग कि जब फोरलेन निर्माण हुआ था उस समय जो एस्टीमेट बना था उसकी कॉपी उपलब्ध करा कर ब्रिज का निर्माण किया जाए क्योंकि 1 महीने में 30 आदमी से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.

इस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने मंगलवार तक आप लोगों की मांग की समय अवधि मांगी इसके पश्चात ग्रामीण और नगर वासियों ने चक्का जाम को समाप्त किया और कहा कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेंगे। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष गोपाल महेश्वरी 1 दिन पहले ही हादसे का शिकार हो गए जिसकी वजह से उनको जान गवानी पड़ी। जबकि फोरलेन पहले से ही भोपाल बाईपास से ब्यावरा बाईपास तक ब्रिज प्रस्तावित था उसके बावजूद भी सीडीएस कंपनी में ब्रिज का निर्माण नहीं किया। इसी प्रकार सारंगपुर-संडावता मार्ग पर ग्राम जमनागंज के समीप काई नदी पर निर्माणाधीन पुल पिछले कई वर्षों में आज तक पूर्ण नही हो पाया।जिसके कारण वहां की पुरानी पुलिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है वहा पर रोजाना जाम की स्तिथि निर्मित होती है। घंटो यात्रियों को जाम में खड़े रहना पड़ता है।

जब यात्रियों एव आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो की आवाज सारंगपुर जनपद अध्यक्ष प्रतिनधि उपेंद्र छावरी तक पहुची तो उन्होंने तुरंत ही 3 दिन पहले अपने पत्र के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी को अवगत कराया और पत्र में कहा कि काई नदी की पुलिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है ,राहगीरों एवं आसपास के ग्रामीणों का आवागमन रुक सा गया है,उक्त पुलिया की तुरंत मरम्मत कराई जावे।तथा नवीन पुल निर्माण में देरी को लेकर सम्बन्धित विभाग के अधिकारी तथा ठेकेदार के ऊपर कार्यवाही की जावे।यदि पुल की मरम्मत में देरी होती है तो में स्वयं उक्त पुलिया पर धरना दूंगा।और आज वो अपने साथियों एवं ग्रामीनवासियो को साथ लेकर धरने पर बैठ गए।