Dhanteras 2023: कल धनत्रयोदशी पर इस खास विधि से करें विशेष पूजा, सालभर बरसेगी मां लक्ष्मी की असीम कृपा, भरी रहेगी धन की तिजोरी

Simran Vaidya
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Dhanteras/Dhantrayodashi 2023: कल हिंदुओं के सबसे बड़े पांच दिवसीय त्यौहार अर्थात दिवाली के सबसे पहले दिन अथवा धनतेरस हैं जिसकी हिंदू मान्यता अनुसार बड़े ही हर्षों उल्लास एवं विधि विधान के साथ विशेष पूजा आराधना एवं खरीददारी की जाती हैं। वहीं आज हम आपको बताएंगे वो इस कौनसे मुहूर्त हैं जिस पर आपको करना चाहिए धन की पूजा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धनतेरस के दिन पूरे मार्केट में धातू के यूटेंसिल्स या सामान को खरीदना अत्यंत ही शुभ माना जाता हैं। अपने सामर्थ्य अनुसार लोग गोल्ड, सिल्वर, पीतल, स्टील या फिर तांबे की सामग्रियों को अपने घर लेकर आते हैं। इसी के साथ हिंदू पंचांग के मुताबिक, धनतेरस या कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि पर धनतेरस के पर्व को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष 10 नवंबर, शुक्रवार के दिन धनतेरस का त्यौहार आ रहा है। धनतेरस पर शुक्र चंद्रमा कन्या राशि में भ्रमण करेंगे। इसके अतिरिक्त, अत्यंत ही शुभ नक्षत्र भी पड़ने वाला है। चलिए फिर जानते हैं इस बार धनतेरस पर कौन-कौनसे योग बनने जा रहे हैं और किस तरह इस दिन धनतेरस की पूजा आराधना (Dhanteras Puja) की जा सकती है।

धनतेरस पर बनने जा रहे हैं बेहद शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की तेरस तिथि 10 नवंबर, शुक्रवार की मध्यकाल 12 बजकर 35 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 11 नवंबर दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर हो जाएगी। इस दौरान धनतेरस 10 नवंबर के दिन ही मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन इस बार कई अत्यंत शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा हैं। जो अपार धन का लाभ दिलाने वाला हस्त नक्षत्र (Hast Nakshatra) रहेगा। इस हस्त नक्षत्र के देवता चंद्र देव हैं और शुक्र चंद्रमा कन्या राशि में विराजित होंगे। आपको बता दें कि इस हस्त नक्षत्र में शॉपिंग करना काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त शनि भी मार्गी घर में धनतेरस पर अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विद्यमान होंगे।

धनतेरस पूजा का शुभ और सही मुहूर्त

धन त्रयोदशी के दिन मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) और धन के देवता कुबेर (Kuber) की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन धन्वंतरि जयंती भी मनाई जाती हैं। इस समय पूजा करने के लिए दिये प्रज्वलित किए जाते हैं। जहां संध्याकाल को आटे या मृदा के दीये में तेल डालकर उसमें चार बाती लगाई जाती हैं और घर के मुख्यद्वार पर रखते हैं। इस दिन दियों का दान भी किया जाता है। धनतेरस की पूजा खरीदारी के बाद पूर्ण की जाती है और इस शॉपिंग में बर्तन, चांदी, सोना, वाहन, उपकरण, वस्त्र, झाड़ू और भूमि वाहन आदि चीजें खरीदी जा सकती हैं।

धनतेरस के दिन शॉपिंग 10 नंवबर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बाद भी कर सकते हैं। इस दिन प्रदोष का व्रत भी पड़ रहा है। यह शुक्र प्रदोष व्रत होने के परिणामस्वरूप मां लक्ष्मी के साथ ही जगत पिता शिव का पूजन भी किया जा सकता है। प्रदोष काल का अत्यंत ही शुभ मुहूर्त भी खरीदारी के लिए अच्छा है और इस शुभ समय में धनतेरस की पूजा भी की जा सकती है। यह मुहूर्त सायंकाल 5 बजकर 16 मिनट से शाम 7 बजकर 54 मिनट तक चलेगा। धनतेरस के दूसरे दिन 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली और हनुमान जयंती भी है, 12 नवंबर को दीपावली है और 12 नवंबर को गोवर्धन पूजा की जाएगी।