Tokyo Olympics: मीराबाई चानू को मिल सकता है गोल्ड मेडल, जानें वजह

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नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के पास अब पहला गोल्ड मेडल आ सकता है। वेटलिफ्टिंग (49 किग्रा वर्ग) में सिल्वर मेडल हासिल करने वाली मीराबाई चानू का यह मेडल अब गोल्ड में बदल सकता है। दरअसल, चीनी खिलाड़ी होऊ झिऊई पर डोपिंग का शक है। टोक्यो में भारतीय समूह में एक संदेश है कि होउ जिहूई का परीक्षण किया जा रहा है। जिसके बाद अब देखना यह है कि आगे क्या होगा? वहीं अभी तक इस बारे में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ज्यादा कुछ नहीं कह रहे हैं।

https://twitter.com/BoriaMajumdar/status/1419555779124752387?s=20

वहीं होऊ झिऊई आज अपने देश लौटने वाली थीं, लेकिन उन्हें रुकने को कहा गया है। दूसरी ओर चानू की वतन वापसी हो गई है। उन्होंने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। आपको बता दें कि,. ओलंपिक के इतिहास में ऐसा पहले जो हो चुका है, जब डोपिंग में फेल होने पर खिलाड़ी का मेडल छीन लिया गया। साथ ही अगर टोक्यो ओलंपिक के महिला भारोत्तोलन (49 किग्रा) में मीराबाई का पदक स्वर्ण में तब्दील हो जाता है, तो ओलंपिक के इतिहास में भारत के नाम यह दूसरा स्वर्ण पदक होगा। जो की एक बहुत ही गर्व की बात होने वाली है।

https://twitter.com/mirabai_chanu/status/1419471081740529666?s=20

बता दें कि, पहले दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग 2008 में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। जिसके बाद अब भारत के नाम एक और गोल्ड हो सकता है। वहीं मीराबाई चानू ने ओलंपिक खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक का भारत का 21 साल का इंतजार खत्म किया है। वहीं इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में देश को भारोत्तोलन में कांस्य पदक दिलाया था।