आज पवन बहुत हिलोरें रहा था, आनंदित मन मगन नाच रहा था

Mohit
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अर्चना जोशी

आज पवन बहुत हिलोरें रहा था
आनंदित मन मगन नाच रहा था

रवि स्वर्णिम किरणें बिखेर रहा
आज यूं नवीन वस्त्र धारण कर

भाग रहा मैंने पूछा कहां रवि जी तो
कह उठे सुप्रभात , ऐसे कैसे

आज वक्त जाया न करूंगा
तुम से बात न करूंगा, सुप्रभात हो गया

कह दिया अब में चलता हूं ,प्रभु उत्सव है
कुछ सहयोग करना है थोड़ा स्वागत प्रभु का

मुझे भी करना है , आज रामनवमी है, राम जन्मोत्सव
मनाना है , अकेला नहीं हूं ,पवन संग नाच रहा है

फूलों की तो बात निराली खिल उठे ,महक उठे
ले पंछियों को संग मंदिर की और चले

देखो तुम फिर मुझे बातो में उलझा दिया
बस इसलिए भाग रहा था तुम से छुप रहा था

रवि दादा एक बात कहो मानोगी थोड़ी
सुप्रभात और रामनवमी की शुभकामनाएं

हां मेरे लिए भी प्रसाद लेना
आज तो चाय आप पिएंगे नहीं
आप जाना जो है