फुलेरा दूज 15 मार्च यानी आज मनाई जा रही है। इस दिन होने वाले विवाहों का रिकॉर्ड टूटने वाला है। ये इसलिए क्योंकि आज का दिन यानी फुलेरा दूज को विवाह का अंतिम अबूझ मुहूर्त व शुभ दिन माना जाता है। इसकी एक पौराणिक कथा भी है। कहा जाता है कि इस दिन विवाह करने वाले दंपति को भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मान्यताओं के अनुसार, हर साल ये त्योहार फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। ये दिन बेहद शुभ और धार्मिक दिन माना जाता है। साथ ही इस दिन को यानी फुलेरा दूज के समय को काफी मांगलिक माना जाता है। कहा जाता है इस दिन भगवान कृष्ण पवित्र होली के त्योहार में भाग लेते हैं और रंगों की जगह रंग-बिरंगे फूलों से होली खेलते हैं। साथ ही यह त्योहार लोगों के जीवन में ख़ुशी और उमंग लेकर आता है। हम आपको आज फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त और पौराणिक कथा बताने जा रहे है। तो चलिए जानते है।
शुभ मुहूर्त –
द्वितीया तिथि प्रारंभ- दोपहर 5 बजकर 10 मिनट- 14 मार्च 2021
द्वितीया तिथि समाप्त- शाम 6 बजकर 50 मिनट- 15 मार्च 2021
पौराणिक कथा –
मान्यताओं के अनुसार, व्यस्तता के कारण भगवान श्रीकृष्ण कई दिनों से राधा जी से मिलने वृंदावन नहीं आ रहे थे। ऐसे में राधा के दुखी होने पर गोपियां भी श्रीकृष्ण से रूठ गई थीं। राधा के उदास होने के कारण मथुरा के वन सूखने लगे और पुष्प मुरझा ने लग गए। दरअसल, वनों की स्थिति के बारे में जब श्रीकृष्ण को पता चला तो वह राधा से मिलने वृंदावन पहुंचे। जिसके बाद राधा रानी खुश हो गईं और चारों ओर फिर से हरियाली छा गई।
कृष्ण ने खिल रहे पुष्प को तोड़ लिया और राधा को छेड़ने के लिए उन पर फेंक दिया। ऐसा ही ठीक राधा ने भी श्रीकृष्ण के साथ किया। यह देखकर वहां पर मौजूद गोपियों और ग्वालों ने भी एक-दूसरे पर फूल बरसाने शुरू कर दिए। कहा जाता है तभी से हर साल मथुरा में फूलों की होली खेली जाने लगी। फुलेरा दूज के दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत की जा सकती है. इस दिन गृह प्रवेश, व्यापार का शुभारंभ, नए रिश्तों की शुरुआत, शादी-विवाह आदि करना शुभ होता है। इस दिन पति-पत्नी के बीच झगड़ा, पिता का अपमान, माता से कटु वचन नहीं कहने चाहिए।