महाराष्ट्र में लंबे समय से अटके मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कैबिनेट का विस्तार होेनेे जा रहा हैं। इसमें भाजपा गुट और शिंदे खेमें के कुल 55 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना हैं। बीती 5 अगस्त को सरकार के मंत्रीमंडल का गठन होना था। लेकिन उद्धव ठाकरे और सीएम एकनाथ के बीच शिवसेना पार्टी को लेकर तनातनी चल रहीं हैं। पार्टी का मामला कोर्ट में चलने की वजह से मंत्री मंडल के विस्तार का मामला टल गया था।
भाजपा गुट के विधायक
चंद्रकांत पाटिल, गिरिश महाजन, राधाकृष्ण विखे पाटिल, सुधीर मुनगंटीवार और सुरेशभाऊ खाड़े के मंत्री बनने की संभावना है।
शिंदे खेमें से
उदय सामन्त, संदिपान भुमरे, गुलाबराव पाटिल, दादा भूसे और शभुराजे देसाई के मंत्री बनने की संभावना है।
भाजपा खेमें से पूर्व सरकार में थे मंत्री
चंद्रकांत पाटिल
चंद्रकांत पाटिल फिलहाल बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष हैं. पिछली बीजेपी सरकार में उनकी भूमिका राजस्व और लोक निर्माण विभाग मंत्री के रूप में थी. चंद्रकांत पाटिल को संगठानात्मक कौशल के लिए जाना जाता है और इसी वजह से साल 2019 की युति टूटने के बाद विपक्ष मे बैठने के लिए मजबूर होने पर बीजेपी को संगठित रखने की जिम्मेदारी देते हुए उन्हे महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. चंद्रकांत पाटिल 2014 से एमएलसी हैं. वह 2014 में पहली बार एमएलसी चुने गए थे. फिर 2016 में उनको राज्य सरकार में मंत्री बनाया गया.
गिरिश महाजन
गिरीश महाजन महाराष्ट्र बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते हैं. वह 1995 में पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2014 में विधायक के रूप में अपने पांचवें कार्यकाल के लिए चुने गए। महाजन ने 31 अक्टूबर 2014 को महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री के रूप में शपथ ली थी। साल 2016 से साल 2019 तक गिरीश महाजन महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षामंत्री रहे।
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साल 2019 में युती टूटने के बाद विपक्ष में बैठी बीजेपी के लिए वह अहम भूमिका निभा रहे थे। एक सरपंच से लेकर मंत्री तक का सफर तय करने वाले गिरीश महाजन को राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे डॉ सुजय विखे और पूर्व एनसीपी सांसद रंजीत सिंह मोहिते पाटिल जैसे दिग्गजों को भाजपा के पाले में लाने से लेकर किसानों के आंदोलन और मराठा कोटा जैसे मुद्दों से निपटने तक का असली सूत्रधार माना जाता है।
राधाकृष्ण विखे पाटिल
राधाकृष्ण विखे पाटिल अनुभवी राजनेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल के बेटे हैं। वह अशोक चव्हाण की सरकार में साल 2008 से 2009 तक शिक्षा और परिवहन मंत्री थे और पृथ्वीराज चव्हाण मंत्रालय में साल 2009 से 2014 तक कृषि मंत्री थे। पिता बालासाहेब विखे पाटिल के बाद राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अहमदनगर में विरासत के तौर पर लंबी राजनीतिक पारी कांग्रेस में रहते हुए संभाली, लेकिन साल 2019 में चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था।
साल 2019 में एनसीपी द्वारा अहमदनगर की सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने की जिद के बीच शरद पवार और राधाकृष्ण विखे पाटिल के बीच तनाव बढ़ा, जिसके बाद राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय विखे पाटिल ने पहले अहमदनगर की सीट के लिए बीजेपी का दामन थामा और फिर राधाकृष्ण विखे पाटिल भी बीजेपी में शामिल हुए।