आज है भाद्रपद कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि, रखें इन बातों का ख्याल

Pinal Patidar
Published on:
Pradosh Vrat 2021

आज रविवार, भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी/चतुर्दशी तिथि है। आज आश्लेषा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है।
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

-आज अगस्त्य तारा का उदय होगा।
-कल सोमवार को सती पूजा अग्रवंशी लोहार्गल यात्रा है।
-महाराष्ट्र के महसावन्द के समीप प्राचीन “प्रवाल क्षेत्र” है। जिसे पद्मालय तीर्थ कहा जाता है। वहां सहस्रार्जुन ने भव्य मन्दिर बनवाकर गणपति की मूॅंगे की मूर्ति स्थापित की है।
-इसी स्थान पर शेष जी ने भी गणेशजी की स्थापना की है, इसलिए उस मन्दिर का नाम धरणीधर हो गया।
-संकष्ट चतुर्थी व्रत सहस्रार्जुन द्वारा प्रचलित हुआ।
-गुजरात के मेहसाणा जिले में पुष्पावती नदी के किनारे स्थित मोढेरा में सूर्य मन्दिर का सर्वप्रथम निर्माण भगवान श्रीराम ने किया था।
-इस मन्दिर का जीर्णोद्धार समय-समय पर होता रहा।
-इस मंदिर का अंतिम बार जीर्णोद्धार सोलंकी राजा भीमदेव प्रथम (1022- 63 ईस्वी) के शासनकाल में हुआ था।
-इसी क्षेत्र में धर्मेश्वरी वापी के समीप भगवान राम ने भट्टारिका (मातंगी) देवी के प्राचीन मन्दिर का भी जीर्णोद्धार कराया था।
-गणेश जी की दुर्वांकुर से पूजा करने से समस्त विघ्न नष्ट हो जाते हैं।
-भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) के दिन चन्द्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए।