अर्जुन राठौर। समाजसेवी तथा जागरूक नागरिक लक्ष्मीनारायण कसेरा जिन्हें इंदौर बाबू भाई के नाम से पुकारता है उन्होंने आज अभय छजलानी जी के 88 वें जन्मदिन पर बधाई देते हुए फोटो शेयर किया है जिसमें अभय जी अपने बेटे विनय छजलानी के साथ दिखाई दे रहे हैं ।
इसमें कोई दो मत नहीं है कि अभय जी हिंदी पत्रकारिता के स्वर्णिम दौर के सबसे बड़े आधार स्तंभ रहे हैं नई दुनिया का इंदौर में कुछ ऐसा जलवा था कि वहां पर जाना ही अपने आप में बड़ी बात मानी जाती थी क्योंकि वहां पर अभय जी के साथ साथ राजेंद्र माथुर राहुल बारपुते के ओर अन्य दिग्गज भी मिल जाया करते थे ।
हिंदी पत्रकारिता का यह एक ऐसा दौर था जिसमें नई दुनिया में पत्र संपादक के नाम प्रकाशित होना भी बहुत बड़ी बात मानी जाती थी जिसका भी पत्र संपादक के नाम छपता था वह दिन भर इंदौर शहर में गर्व से सर ऊंचा करके घूमता था । संपादक के नाम पत्र जैसे स्तंभ को नईदुनिया ने ही लोकप्रिय बनाया था जिसमें पाठकों की आवाज के साथ साथ वैचारिक बहस भी होती थी भोपाल के प्रसिद्ध लेखक अनिल कुमार के पत्र उन दिनों चर्चा के विषय हुआ करते थे और संपादकीय पेज पर आलेख प्रकाशित होना इस बात का प्रमाण होता था कि जिसका भी लेख छपा है वह निश्चित रूप से बड़ा लेखक है ।
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अभय जी उन दिनों नीचे बड़े हाल में बैठा करते थे और उनके सामने ही राहुल बारपुते जी बैठते थे तथा पास में ही सिटी की डेस्क थी लेकिन राजेंद्र माथुर जी दूसरी मंजिल पर बैठते थे उन दिनों अभय जी से मिलना और उनसे बात करना बहुत बड़ी बात मानी जाती थी ।
अभय जी शुरू से ही सहज स्वभाव के रहे हैं उन दिनों ऐसा माना जाता था कि अभय जी ने जिसके भी सर पर हाथ रख दिया वह राजनीति से लेकर पत्रकारिता और साहित्य में स्थापित हो जाता था । नई दुनिया ने राजनीति पत्रकारिता साहित्य के क्षेत्र में असंख्य लोगों को स्थापित किया उन्हें पहचान दिलाई आज भी नई दुनिया में काम कर चुके लोग देश में शीर्ष स्थानों पर मौजूद हैं । अभय जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई और उनके दीर्घायु होने की कामना ।