आज है मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी/पूर्णिमा तिथि, इन बातों का रखें ध्यान

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विजय अड़ीचवाल

आज शनिवार, मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी/पूर्णिमा तिथि है।
आज रोहिणी नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

-आज व्रत की पूर्णिमा है।
-आज भगवान दत्तात्रेय जयन्ती है।
-महा योगेश्वर दत्तात्रेय जी भगवान विष्णु के अवतार हैं।
-दत्तात्रेय जी महर्षि अत्रि एवं अनसूया के यहां मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में प्रकट हुए थे।
-पुत्र प्राप्ति की इच्छा पर जब महर्षि अत्रि तप कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने उन्हें वर देते हुए कहा – “दत्तो मयाहमिति यद् भगवान् स दत्त:”
अर्थात् – मैंने अपने आपको तुम्हें दे दिया।
-भगवान विष्णु ही अत्रि के यहां पुत्र के रूप में अवतरित हुए और दत्त कहलाए।
-अत्रिपुत्र होने से यह “आत्रेय” कहलाए।
-दत्त और आत्रेय के संयोग से इनका “दत्तात्रेय” नाम प्रसिद्ध हो गया।
– महर्षि अत्रि और अनसूया के यहां ब्रह्मा जी चन्द्रमा और शंकर जी भी दुर्वासा ऋषि के रूप में प्रकट हुए थे।
-भगवान दत्तात्रेय कृपा की मूर्ति कहे जाते हैं। उनका स्मरण करते ही वे समीप आ जाते हैं।
-इसीलिए इन्हें स्मृतिगामी तथा स्मृति मात्रानुगन्ता कहा गया है।
-दत्तात्रेय जी श्रीविद्या के आचार्य हैं। इन्होंने 24 गुरुओं से शिक्षा पाई थी।
-दक्षिण भारत में दत्त सम्प्रदाय विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
– गिरनार क्षेत्र में दत्तात्रेय जी की सिद्ध पीठ स्थापित है।