Mangla Gauri Vrat : इस वर्ष श्रावण का महीना बेहद ज्यादा ही खास है। दरअसल 19 साल बाद सावन में अधिकमास लगने की वजह से तीज-त्यौहारों के लिए फेमस ये महीना और भी अधिक खास हो गया है। इस वर्ष अधिकमास की वजह से सावन 59 दिनों का रहेगा। मंगला गौरी के 9 उपवास रखे जाएंगे। अब तक 4 मंगला गौरी व्रत रखे जा चुके हैं लेकिन आज यानी कि 1 अगस्त को सावन का पांचवा मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा है, वहीं अधिकमास का यह तीसरा मंगला गौरी व्रत है।
सावन के महीने में मंगलवार को मां पार्वती का मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस बीच माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे सावन में भगवान शंकर के साथ मान शक्ति का भी आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत के रखने से जीवन की अनेको परेशानियां दूर हो जाती हैं।
हिंदू धर्म में सावन महीने का अत्यंत विशेष महत्व होता है। सावन का महीना भगवान शिव की पूजा आराधना और व्रत के लिए विशेष फलदायी होता है। लेकिन इस महीने कई प्रमुख व्रत-त्योहार भी पड़ते हैं। इन्हीं में एक है मंगला गौरी व्रत जोकि सावन के प्रत्येक मंगलवार के दिन मंगला गौरी अर्थात मां गौरी के लिए रखा जाता है। इस वर्ष मंगला गौरी व्रत के साथ ही सावन माह का आगाज हुआ है।
कैसे रखें मंगला गौरी व्रत और क्या है इस व्रत का महत्व जानें यहां।
वहीं आपको बता दे कि मंगला गौरी व्रत को कुंवारी कन्याएं और सुहागिन महिलाएं दोनों ही करती हैं। साथ ही ऐसी मान्यता भी है कि इस उपवास को करने से मां मंगला गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे कुंवारी कन्याओं को मनवांछित वर की प्राप्ति होती हैं, एवं सुहागिन स्त्रियों के पतियों की आयु लंबी होती हैं। इस दिन पूजा-व्रत करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है और कुंवारी कन्याओं के विवाह के योग बनते हैं।
इस उपाय से जल्द बनेगा शादी का योग
वहीं यदि किसी युवक अथवा युवती का विवाह नहीं हो रहा है तो मंगला गौरी व्रत रखकर पूरी विधि-विधान एवं आस्था और प्रेम के साथ माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें। माता को सोलह श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं और शीघ्र विवाह के लिए भगवान से विनती करें। माता पार्वती के ऊं गौरीशंकराय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके पश्चात माता दुर्गा के पावन चरणों में सिंदूर चढ़ाकर खुद उसका तिलक अपने सिर पर लगाएं। ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से कुंडली में उपस्थित सभी दोष समाप्त होते हैं और शादी का योग जल्द बनता है।
मंगला गौरी व्रत की सही पूजन विधि
- प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ़ स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
- अब इस पर मां गौरी की प्रतिमा या तस्वीर या मूर्ति की स्थापना करें।
- आटे का दीप जलाते हुए उपवास का प्रण लें।
- फल, फूल, धूप और नैवेद्य से मां गौरी अर्थात देवी पार्वती की पूजा करें।
- पूजा के समय सुहाग की सामग्री, माला, फूल, फल, मिठाई सहित 16 सामग्री अर्पित करें।
- आरती के साथ पूजा का समापन करें और क्षमा याचना अवश्य ही करें।
मंगला गौरी व्रत 2023 तिथि सूची
पहला मंगला गौरी व्रत – 4 जुलाई 2023
दूसरा मंगला गौरी व्रत – 11 जुलाई 2023
तीसरा मंगला गौरी व्रत -18 जुलाई 2023
चौथा मंगला गौरी व्रत – 25 जुलाई 2023
पांचवा मंगला गौरी व्रत – 1 अगस्त 2023
छठा मंगला गौरी व्रत – 8 अगस्त 2023
सातवा मंगला गौरी व्रत – 15 अगस्त 2023
आठवां मंगला गौरी व्रत – 22 अगस्त 2023
नौवां मंगला गौरी व्रत – 29 अगस्त 2023