Guru Gobind Singh Jayanti : आज पूरे देश में सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती ‘प्रकाश पर्व’ के रूप में हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है। यह दिन न केवल गुरु गोबिंद सिंह जी की महान शिक्षाओं और बलिदान को याद करने का है, बल्कि समाज में समानता, न्याय और धर्म की स्थापना के लिए उनके संघर्ष को भी सम्मानित करने का अवसर है।
गुरु गोबिंद सिंह जी का महान योगदान
गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपनी शिक्षा और कार्यों के माध्यम से समाज में धर्म, न्याय, और भाईचारे को प्रोत्साहित किया। उनका जीवन एक प्रेरणा का स्रोत है, जो हमें यह सिखाता है कि हम सभी के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए – चाहे वह जाति, धर्म, या लिंग से संबंधित हो। उनका जीवन साहस, बलिदान, और समाज के प्रति निष्ठा का प्रतीक था।
गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना साहिब, बिहार में हुआ था। उनका जन्म एक ऐसे समय में हुआ था, जब मुगल साम्राज्य का शासन था और सिखों पर अत्याचार हो रहे थे। गुरु गोबिंद सिंह जी के पिता, गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस बलिदान के बाद गुरु गोबिंद सिंह जी ने मात्र दस वर्ष की आयु में सिखों के दसवें गुरु के रूप में गद्दी संभाली।
PM मोदी ने दी प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं
I bow to Sri Guru Gobind Singh Ji on his Prakash Utsav. His thoughts inspire us to build a society that is progressive, prosperous and compassionate. pic.twitter.com/waDtUl4Gyy
— Narendra Modi (@narendramodi) January 6, 2025
गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर सीएम डॉ. मोहन यादव का संदेश
दसवें गुरु परम श्रद्धेय गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
आपका शौर्य, त्याग, परोपकार एवं प्रखर विचार हम सभी के लिए विश्व कल्याण के प्रति स्नेह, सहयोग और समर्पण की प्रेरणा के अनंत स्रोत बने रहेंगे। मेरी प्रार्थना है कि यह पर्व आप सभी के जीवन को… pic.twitter.com/fRQSmsb0kQ
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 6, 2025
सीएम डॉ. मोहन यादव ने गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर शुभकामनाएं देते हुए कहा, “दसवें गुरु परम श्रद्धेय गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। उनका शौर्य, त्याग, परोपकार और प्रखर विचार हम सभी के लिए विश्व कल्याण के प्रति स्नेह, सहयोग और समर्पण की प्रेरणा के अनंत स्रोत बने रहेंगे। मेरी प्रार्थना है कि यह पर्व आप सभी के जीवन को ज्ञान, सुख-समृद्धि से आलोकित करे।”
खालसा पंथ की स्थापना
गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की। यह दिन बैसाखी का दिन था, और गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनन्दपुर साहिब में एक ऐतिहासिक सभा का आयोजन किया था। इस सभा में उन्होंने अपने अनुयायियों के सामने एक ऐसा धर्म प्रस्तुत किया, जो न केवल धार्मिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी सशक्त हो। इस दिन को “खालसा पंथ की स्थापना” के रूप में मनाया जाता है, और इसके माध्यम से गुरु जी ने सिखों को एकजुट करने और उन्हें समाज और धर्म की रक्षा के लिए तैयार करने का मार्ग दिखाया।
गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा के अनुयायियों को पांच ककारों का पालन करने का आदेश दिया, जो थे – केश, कड़ा, कृपाण, कच्छा, और कंघा। इन ककारों को अपनाकर सिखों को न केवल एक आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरित किया, बल्कि उन्हें अपनी पहचान और सामूहिकता का एहसास भी दिलाया।
गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाएं
गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन हमारे लिए एक अमूल्य धरोहर है। उनकी शिक्षाएं आज भी समाज को एक दिशा देती हैं और यह सिखाती हैं कि धर्म, सत्य, और सेवा के मार्ग पर चलने से समाज में वास्तविक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने हमें यह भी बताया कि हमें अपने अधिकारों और धर्म की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए, और हमेशा दूसरों की भलाई के लिए काम करना चाहिए।