आज शनिवार, भाद्रपद कृष्ण द्वादशी/त्रयोदशी तिथि है। आज पुष्य नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है।
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-आज शनि प्रदोष व्रत है।
-सभी श्रेष्ठ वृक्षों की उत्पत्ति अश्विनी नक्षत्र से हुई है।
-भरणी नक्षत्र से यमक (जुड़े हुए दो) वृक्षों की उत्पत्ति हुई है।
-जो ग्रह जिस समय जिस नक्षत्र में होता है, उस समय उससे सम्बंधित वृक्ष का पूजन करने से उस ग्रह का अरिष्ट निवारण होता है।
-चित्रा, शतभिषा, रोहिणी तथा तीनों उत्तरा – इन नक्षत्रों में पशुओं को कहीं से लाना या ले जाना, क्रय – विक्रय शुभ है।
-अष्टमी चतुर्दशी और अमावस्या को कदापि पशुओं का क्रय – विक्रय नहीं करना चाहिए।
-भूकम्प आदि भौगोलिक घटनाओं सम्बंधित सूक्ष्म से सूक्ष्म ज्ञान के लिए नारद पुराण का गहन अध्ययन करना चाहिए।
-इसी प्रकार मेडिकल साइंस वाले छात्रों को सूक्ष्म ज्ञान के लिए गरुड़ पुराण का गहन अध्ययन करना चाहिए।
-गणेश चतुर्थी के दिन 10 सितम्बर शुक्रवार की रात्रि को चन्द्रमा का दर्शन करना निषेध है।