आज मंगलवार, भाद्रपद कृष्ण अमावस्या/प्रतिपदा तिथि है। (अमावस्या प्रातः 6:29 बजे तक रहेगी।) आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है।
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-संगीत का दान देवताओं को अधिक प्रिय है।
-दही, मूली और तेल साथ में खाने से भगंदर या उसके जैसा रोग हो जाता है।
-षष्ठी को तेल नहीं खाना चाहिए।
-चतुर्दशी को हजामत नहीं बनवाना चाहिए।
-अमावस्या को स्त्री संग नहीं करना चाहिए।
-जब कोई असाध्य एवं महान कार्य छोटे द्वारा हो जाए, तब बड़े के द्वारा छोटे का अभिवादन करना दूषित नहीं माना जाता है।
-दशमी यमराज की तिथि है। इसीलिए दशमी युक्त एकादशी व्रत नहीं किया जाता है।
-कृष्ण पक्ष में षष्ठी तिथि से लेकर अमावस्या तक 10 दिन गङ्गाजी पृथ्वी पर निवास करती हैं।
-शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर 10 दिन तक गङ्गाजी पाताल में निवास करती हैं।
-शुक्ल पक्ष की एकादशी से कृष्ण पक्ष की पञ्चमी तक गङ्गाजी सदा स्वर्ग में रहती हैं। (नारद पुराण उत्तर भाग अध्याय 38)
इसीलिए गङ्गाजी को “त्रिपथगा” कहते हैं।