आज है आश्विन शुक्ल सप्तमी तिथि, इन बातों का रखें ध्यान

Suruchi
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विजय अड़ीचवाल

आज मङ्गलवार, आश्विन शुक्ल सप्तमी तिथि है।
आज मूल नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
👆 ( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

👉 देवी कवच पाठ के बाद ही श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
👉 पृथ्वी पर मां नर्मदा का प्रथम अवतरण इस सृष्टि के आद्य कल्प के सतयुग में हुआ था।
👉 मां नर्मदा का दूसरा अवतरण दक्षसावर्णि मन्वन्तर में हुआ था।
👉 मां नर्मदा का तीसरा अवतरण राजा पुरूरवा द्वारा वैष्णव मन्वन्तर में हुआ है।
👉 मां नर्मदा का विवाह प्रथम अवतरण के समय राजा पुरुकुत्सु के साथ सम्पन्न हुआ था।
👉 इसके बाद त्रेतायुग के प्रथम चरण में गङ्गाजी पृथ्वी पर आईं।
👉 त्रेतायुग के द्वितीय चरण में कालिन्दी (यमुना), सरस्वती, सरयू तथा महाभागा गण्डकी आदि नदियां पृथ्वी पर प्रकट हुईं।
👉 प्रभास क्षेत्र सोमतीर्थ में नर्मदा – सरस्वती – गंगा – यमुना का भी संगम है। इस स्थान पर सोम (चन्द्रमा) ने तप कर क्षय रोग से मुक्ति पाई थी।
👉 मतङ्ग ऋषि के प्रभाव से नर्मदा – सरस्वती सङ्गम पर गङ्गा – यमुना नदी भी प्रकट हुई थीं।