आज है आश्विन शुक्ल अष्टमी तिथि, इन बातों का रखें ध्यान

Mohit
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विजय अड़ीचवाल

आज बुधवार, आश्विन शुक्ल अष्टमी तिथि है।
आज पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
👆 ( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

👉 आज महा अष्टमी, दुर्गाष्टमी, बुधाष्टमी है।
👉 आज अष्टमी को देवी की उपासना के अनेक अनुष्ठान होते हैं, इसलिए इसे महाष्टमी कहते हैं।
👉 नवमी युक्त अष्टमी के दिन देवी शक्ति धारण करती है और नवमी को पूजा समाप्त होती है।
👉 आज भद्रा होने से प्रातः 8:59 के बाद ही दुर्गाष्टमी पूजन करें।
👉 भगवती के वस्त्र, शस्त्र, छत्र, चंवर और राज्य चिन्ह आदि की पूजा करना चाहिए।
👉 उपवास की परिभाषा:- व्रत का अर्थ ही सामान्यतः उपवास हो गया है। वैसे “उपवास” शब्द का अर्थ है- दुर्गुणों एवं दोषों से बचकर आत्मा एवं गुणों के साथ वास अर्थात निवास करना है।
👉 व्यक्ति जब विषयों का त्याग कर उपवास करता है, तब वह विषय – वासना से मुक्त हो देव तुल्य हो जाता है।
👉 व्रत, पर्व एवं उत्सवों को शुभ तिथि, शुभ वार, और शुभ नक्षत्रों में मनाने का विधान है।
👉 होली, दीपावली, शरद पूर्णिमा, महाशिवरात्रि, चतुर्थी एवं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी – यह पर्व रात्रि में मनाए जाते हैं।
👉 शेष दूसरे जितने भी पर्व, उत्सव अथवा त्योहार हैं, वह सभी दिन के धवल प्रकाश में ही समारोह पूर्वक मनाए जाते हैं।