आज है आश्विन कृष्ण त्रयोदशी तिथि इन बातों का रखें ध्यान

Mohit
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विजय अड़ीचवाल

आज सोमवार, आश्विन कृष्ण त्रयोदशी तिथि है।
आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
👆 ( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

👉 आज त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध है।
👉 आज सोम प्रदोष व्रत है।
👉 आज युगादि तिथि है।
👉 आज के दिन कलियुग का आरम्भ हुआ था।
👉 श्राद्ध का भोजन करने के बाद ब्राह्मण के यहां ” अस्तु स्वधा” वाक्य बोलना चाहिए।
👉 यद्यपि प्रत्येक अमावस्या पितरों की पुण्यतिथि है।
👉 जिस प्रकार पितरों की मुक्ति निमित्त गया को परम पुण्यदायी माना गया है, उसी प्रकार माता के लिए काठियावाड़ का सिद्धपुर स्थान परम फलदायी माना गया है।
👆 उक्त स्थान को मातृगया के नाम से भी जाना जाता है।
👉 श्राद्ध पक्ष पितरों के लिए पर्व का समय है।
👉 श्राद्ध कर्ता को पूरे 16 दिनों तक क्षौरकर्म नहीं कराना चाहिए। पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और प्रतिदिन तर्पण करना चाहिए।
👉 ब्राह्मण भोजन कराने के पूर्व पत्ते में पांच जगह थोड़े-थोड़े सभी प्रकार के व्यञ्जन गाय, श्वान, कौआ, देवता एवं चींटी आदि के लिए निकालना चाहिए।
👉 सिर्फ कौए के लिए अन्न भूमि पर देना चाहिए।
👉 श्राद्ध कर्म करने और ब्राह्मण भोजन का समय प्रातः 11:36 बजे से 12: 24 बजे तक का है।
👆 इस समय को कुतप वेला कहते हैं। उक्त समय मुख्य रूप से श्राद्ध के लिए प्रशस्त है।