विजय अड़ीचवाल
आज बुधवार, आश्विन कृष्ण अमावस्या तिथि है।
आज हस्त नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
👆 ( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
👉 आज सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या है।
👉 आज के दिन ज्ञात – अज्ञात समस्त पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म किया जाता है।
👉 मातृगया स्थित बिन्दु सरोवर का उल्लेख ऋग्वेद की ऋचाओं में भी किया गया है।
👉 बिन्दु सरोवर के पास ब्रह्मपुत्री अल्पा सरोवर भी है।
👉 इसके आगे सरस्वती नदी का तट भी है।
👉 भगवान कपिल माता का श्राद्ध करने वाले प्रथम मुनि हुए।
👉 मातृ गयाजी में “चलो चलते हैं” या “चलो लौट चलें” – ऐसा नहीं बोलते हैं।
👉 सिद्धपुर क्षेत्र में सरस्वती नदी समुद्र में नहीं मिलती है। वह मरुभूमि में लुप्त हो जाती है।
👉 सिद्धपुर क्षेत्र से ही औदीच्य ब्राह्मणों की उत्पत्ति बताई गई है।
👉 श्राद्ध कर्म करने और ब्राह्मण भोजन का समय प्रातः 11:36 बजे से 12: 24 बजे तक का है।
👆 इस समय को कुतप वेला कहते हैं। उक्त समय मुख्य रूप से श्राद्ध के लिए प्रशस्त है।