इंदौर। इंदौर संस्कारों को सिखाने वाला शहर है, यहां साहित्यिक गतिविधियां इस बात की उम्मीद दिलाती है कि कही कुछ तो अच्छा चल रहा है। बात हिन्दी साहित्य की करे तो इसकी समृध्दि के लिए सभी को समन्वित प्रयास करना होंगे। यह बात भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कही। वे इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित हीरक प्रसंग व्याख्यान और साहित्य सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
देश की जानी मानी साहित्यकार यूपी के प्रतिष्ठित साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित डॉ मिथिलेश दीक्षित के 75वे जन्मदिवस के मौके पर देश भर में कार्यक्रम चल रहे है। उसी कड़ी में इंदौर प्रेस क्लब और डॉ एस.एन. तिवारी स्मृति समिति ने भी शनिवार को व्याख्यान और साहित्य सम्मान समारोह आयोजित किया था। इस समारोह में हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में अभुतपूर्व योगदान देने वाले साहित्यकारों और रचनाकारों का सम्मान भी किया गया। समारोह में उस्ताद अलाउद्दीन खा संगीत और कला अकादमी के निदेशक श्री जयंत भिसे भी मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त आयुक्त इंदौर संभाग सपना शिवाले सोलंकी ने की।
पत्रकारिता और साहित्य में नवाचार विषय पर बोलते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा हिन्दी साहित्य को वह सम्मान नहीं मिला जो मराठी, बांग्ला या अन्य क्षेत्रिय भाषा के साहित्य को प्राप्त है। इसके लिए लोगों को जोड़ने तथा दुसरों से सीखने की जरूरत है। हम अपने बच्चों को अंग्रेजी की कविता सिखाते है मगर हिन्दी कविता अथवा श्लोक नहीं सिखाते। ऐसी सूरत में मातृ भाषा का उन्नयन की ज्यादा उम्मीद कैसे की जा सकती है। हिन्दी पत्रकारिता के कई मुर्धन्य नाम है जिन्हे आज भी सम्मान के साथ लिया जाता है। मध्यप्रदेश ह्रदय प्रदेश है और इंदौर मार्गदर्शक है। दिल्ली से कुछ नहीं होने वाला शुरूआत इंदौर से होना चाहिए। भाषा की समृध्दि के लिए नकारात्मकता को टोकने की जरूरत है। समाज को तोड़ने, आपस में लड़ाने और भाषा को खराब करने जैसी बातों का प्रतिकार करना होगा।
उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत कला अकादमी के निदेशक श्री जयंत भिसे ने चिंता जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया के कारण लोग कुछ ज्यादा जल्दबाजी में दिखने लगे है। पोस्ट डालने वाले विषय की गंभीरता को नजरअंदाज कर देते है। यह हमारे समाज के लिए घातक है। ऐसे तत्वों का सामूहित प्रतिकार करना जरूरी है। उन्होंने इंदौर में साहित्यिक गतिविधियों के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया।
आरंभ में स्वागत भाषण प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने दिया। अतिथियों का स्वागत श्री देवेंद्र सिंह सिसोदिया, श्री विपिन नीमा, श्री संजय त्रिपाठी, डॉ दीपा व्यास, श्री विजयसिंह चौहान, डॉ अपर्ण जैन, श्री राजेंद्र कोपरगांवकर, ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार, लेखक और पत्रकार मौजूद थे।
साहित्य में विशेष योगदान के लिए इनका हुआ सम्मान
श्री हरेराम बाजपेयी
श्रीमती सुषमा दुबे
शिक्षा और साहित्य में योगदान के लिए सम्मान
डॉ वंदना अग्निहोत्री
प्रो. संगीता भारुका
श्रीमती सीमा व्यास
श्रीमती यशोधरा भटनागर
श्रीमती अर्चना मंडलोई
श्रीमती माधुरी व्यास
डॉ सोनाली सिंह नरगुंदे
डॉ. रचना बजाज
कार्यक्रम का संचालन श्री मुकेश तिवारी ने किया और आभार श्री प्रदीप जोशी ने माना।