दिवाली पर रोशनी के लिए मैंटेनेंस कार्य एक सप्ताह में करे पूर्ण, प्रबंध निदेशक ने दिए निर्देश

Akanksha
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इंदौर। प्रमुख त्योहार दीपावली इसी माह है। रोशनी के इस त्योहार पर गुणवत्तापूर्ण निर्बाध बिजली वितरण के लिए मैंटेनेंस व अन्य जरूरी कार्य एक सप्ताह में पूर्ण कर लिए जाए। इंदौर शहर के पूर्व, दक्षिण संभाग समेत करीब 20 क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर फेल रेट तय से ज्यादा है। यहां के अधिकारी गंभीरता से कार्य करे।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने ये निर्देश दिए। बुधवार को कंपनी क्षेत्र के 15 जिलों के अभियंताओं को वीडियो कान्फ्रैंस से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दीपावली के त्योहार पर आपूर्ति पर ध्यान दिया जाए। सभी अधीक्षण यंत्री मैंटेनेंस के कार्य एक सप्ताह में कर ले। उन्होंने कहा कि कंपनी स्तर पर ट्रांसफार्मर फेल रेट 5 फीसदी किया गया है, इसी अनुपात में हर संभाग का रेट तय है। कंपनी द्वारा संभागों के तय आंकड़ों से इंदौर पूर्व, इंदौर दक्षिण संभाग के साथ ही पुनासा, बुरहानपुर, बड़वानी, सेंधवा, बड़वाह, मंडलेश्वर, मनावर, आलीराजपुर, आलोट, बड़नगर, तराना, महिदपुर, उज्जैन ग्रामीण में ट्रांसफार्मर फेल रेट ज्यादा होने पर संबंधित अधिकारियों को तत्काल सुधार के लिए चेताया गया। तोमर ने कहा कि लोकल रिपेयरिंग यूनिट (एलआरयू) में ज्यादा से ज्यादा ट्रांसफार्मर की मरम्मत की जाए। मंदसौर के अधीक्षण यंत्री मनोज शर्मा को ट्रांसफार्मर फेल रेट तय से कम होने पर प्रबंध निदेशक की ओर से शाबाशी मिली। राजस्व संग्रहण टार्गेट के अनुसार करने, किसानों को अस्थाई कनेक्शन एप के माध्यम से उपलब्ध कराने, शहरी क्षेत्रों में शत प्रतिशत मीटराइजेशन करने व उसी आधार पर आंकलित खपत मुक्त बिल जारी करने के निर्देश दिए गए।

स्टोर संबंधी जानकारी ऊर्जस पर दे- टैगोर

मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर ने कहा कि स्टोर से जारी होने वाले ट्रांसफार्मर एवं मीटर संबंधी सभी जानकारी सर्कल के जिम्मेदार अधिकारी ऊर्जस एप पर दे। ऐसा करने पर कार्य प्रगति नजर आएगी, वहीं स्टाक भी अपडेट होता रहेगा। उन्होंने कहा कि एलआरयू एवं मैंटेनेंस, रिकवरी के लिए जरूरत वाले सभी जिलों के श्रमिक व वाहन उपलब्ध कराए गए है।

गांवों में भी आन लाइन को बढ़ावा

निदेशक मनोज झंवर ने कंपनी के सभी जिलों के अभियंताओं से ग्रामीण क्षेत्रों में आन लाइन भुगतान को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके बगैर 100,200 के बिलों के नियमित भुगतान संभव नहीं है। इतनी छोटी राशि उपभोक्ताओं के मोबाइल से ही जमा करवाना ही एकमात्र विकल्प है।

इस मौके पर कार्यपालक निदेशक आपूर्ति गजरा मेहता, संजय मोहासे, मुख्य अभियंता कैलाश शिवा, एसएल करवाड़िया, आरके नेगी, शहर अधीक्षण यंत्री कामेश श्रीवास्तव, ग्रामीण अधीक्षण यंत्री डीएन शर्मा आदि ने भी विचार रखे।