Tirupati Prasadam controversy: तिरूपति के प्रसाद लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल के इस्तेमाल के दावों के बाद विवाद तेज हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की और इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट की मांग की। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) इस मामले की गंभीरता से जांच करेगा। यदि जांच में कोई गड़बड़ी सामने आती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय खाद्य मंत्री का बयान
इससे पहले, केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मुख्यमंत्री नायडू से अपील की थी कि तिरुपति के लड्डू प्रसाद में पशु वसा और मछली के तेल के आरोपों की गहन जांच की जाए। उन्होंने बताया कि यह मामला गंभीर चिंता का विषय है और इसकी व्यापक जांच होनी चाहिए।
पूर्व सरकार पर आरोप
एनडीए विधायक दल की बैठक में, सीएम नायडू ने कहा कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया। इस पर वाईएसआरसीपी के नेता इन आरोपों को नकारते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है।
उपमुख्यमंत्री का संकल्प
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा कि उनकी सरकार प्रसादम बनाने में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के मामले में हर संभव सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सोशल मीडिया पर यह भी बताया कि पूर्व सरकार द्वारा गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे।
कांग्रेस और बीजेपी का दृष्टिकोण
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मामला है और सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। वहीं, बीजेपी सांसद संजय जयसवाल ने इसे हिंदुओं की आस्था को बदनाम करने की साजिश बताया। उन्होंने सभी नीति निर्माताओं से इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा करने का आग्रह किया।
आस्था का मामला: अदालत में सुनवाई
इस मामले की सुनवाई बुधवार को अदालत में होगी। सीएम चंद्रबाबू के वकील ने मांग की है कि प्रसादम में पशु वसा की मिलावट की जांच किसी सिटिंग जज या हाई कोर्ट की कमेटी से कराई जाए। यह मामला न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इस विवाद ने तिरुपति लड्डू के प्रति लोगों की आस्था को चुनौती दी है, और इससे जुड़े सभी पक्षों को जवाबदेही की आवश्यकता महसूस हो रही है।