नर्मदापुरम: 76 साल की आज़ादी के बाद, भारत में एक ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। 1 जुलाई 2024 से, 1860 में बने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) को बदलकर तीन नए कानून लागू किए जाएंगे। ये नए कानून – भारतीय दंड संहिता, 2024, भारतीय नागरिक संहिता, 2024 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2024 – न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव लाएंगे।
इसके लिए नर्मदापुरम जिले में, 1100 पुलिस विवेचकों को इन नए कानूनों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 15 जून तक, पुलिसकर्मियों को तीन चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे नए कानूनों के प्रावधानों से भलीभांति परिचित हो सकें और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू कर सकें।
इन नए कानूनों का आम नागरिकों पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा। नागरिकों को अपने अधिकारों और कानूनों के तहत उपलब्ध राहत के बारे में जागरूक होना चाहिए। नए आपराधिक कानून 2024 भारत के न्यायिक ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। इन कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक कुशल, पारदर्शी और पीड़ित-केंद्रित बनाना है।
इन नए कानूनों की मुख्य विशेषताएं:
न्याय में तेज़ी: इन कानूनों का लक्ष्य अपराधों की जांच और मुकदमों को तेज़ी से निपटाना है, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।
सबूतों का महत्व: नए कानून में वैज्ञानिक और डिजिटल सबूतों को अधिक महत्व दिया जाएगा, ताकि अपराधों को साबित करना आसान हो सके।
पीड़ितों के अधिकार: नए कानून पीड़ितों के अधिकारों को मजबूत बनाते हैं और उन्हें बेहतर मुआवजा प्रदान करते हैं।
सजा में कठोरता: गंभीर अपराधों के लिए सजा में कठोरता लाई जाएगी, ताकि अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।
नर्मदापुरम पुलिस में प्रशिक्षण: