उज्जैन 11 सितम्बर । श्री एन.पी.सिंह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उज्जैन के कर कमलों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात मान जिला न्यायाधीश के द्वारा समस्त पीठासीन अधिकारियोँ को नेशनल लोक अदालत में रखे गए प्रकरणोँ का अधिक से अधिक संख्या में निराकरण करने संबंधी निर्देश देते हए नेशनल लोक अदालत प्रारंम करने की अनुमति प्रदान की।
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इस अवसर पर लोक अदालत के संयोजक / विशेष न्यायाधीश श्री अश्वाक एहमद खान एव परिवार न्यायालय के न्यायाधीश श्री वी.के गृप्ता, जिला न्यायाधीशगण श्री वैभव मण्डलोई, श्री संतोष शुक्ला, श्री जितेन्द्र कुशवाह, श्री शाशिकांत वर्मा, श्री अंबुज पाण्डेय, श्री ओदश कुमार जैन, श्री पंकजचतुर्वेदी, श्रीमती आरती शुक्ला पाण्डेय एवं मुख्य न्यायिक मजिस्टेट श्री अभिषेक नागराज व न्यायिक मजिस्द्रेट प्रथम श्रेणी श्री विरेन्द्र जोशी, श्री अतुल यादव श्री विनायक गुप्ता सहित समस्त न्यायिकअधिकारीगण, राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य श्री प्रताप मेहता जी एवं मंडल अभिभाषक संघ केअध्यक्ष श्री अशोक यादव तथा प्राधिकरण के सचिव श्री अरिवंद कुमार जैन एवं जिला विधिक सहायताअधिकारी श्री दिलीप सिंह मुझाल्दा, अभियोजन अधिकारीगण एवं समस् न्यायालयीन कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत में हजारों की संख्या में पक्षकारगण, आम नागरिक, लाभांवित हुए । विशेषकर नेशनल लोक अदालत में पारिवारिक प्रकृति के साथ ही क्लेम, विद्यत चोरी, अपराधिक एंव दीवानी प्रकरणों का निराकरण किया गया। परिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछडे हुये परिवारों को मिलाया गया एवं क्लेम प्रकरणों में पीडित व्यक्तियों को क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की गई।
माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश श्री एन.पी.सिंह के न्यायालय के क्लेम प्रकरण श्रीमती सुनीताआदि विरुद्ध रविंद्र आदि में आवेदकगण एवं नेशनल इंश्योरेंश कपंनी के मध्य राजीनामा होने पर 60 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति तथा कैलाशचंद्र आदि विरुद्ध ब्रिजेश आदि में आवेदकगण एवं एचडीएफसी इंश्योरेंश कपंनी के मध्य राजीनामा होने पर 44.50 लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि प्रदाय की गई एवं अपर जिला न्यायाधीश श्री वैभव मण्डलोई के न्यायालय में 2,75,62,500/-रुपये के मूल्यांकन वाले दीवानी वाद दिलीप मित्तल विरुद्ध श्रीमती कोमल के प्रकरण में पक्षकारों के मध्य ,न्यायाधीश श्री वैभव मण्डलोई के द्वारा राजीनामा कराया गया। उक्त प्रकरण में वादी पक्षकार को 1.50 लाख रूपये की कोर्ट फीसवापस दिलाई गई । जिला न्यायाधीश श्री शाशिकांत वर्मा के यहां 7 वर्ष पुराने दीवानी प्रकरण दिनेशविरुद्ध सुमन में पक्षकारो के मध्य राजीनामा हुआ जिसमें पक्षकारों को कार्ट फीस वापस दिलाई गई और इन्ही पक्षकारों के मध्य विवादित संपत्ति को लेकर चल रहें 7 अन्य प्रकरणों में राजीनामा हुआ।
परिवार न्यायालय की पीठासीन अधिकारी श्रीमती उषा गेडाम के न्यायालय में विशेष रुप से दो ऐसे प्रकरणं में राजीनामा हआ जिनमें पति-पत्नि काफी लंबे समय से आपसी मतभेदों के कारण अलग-अलग रह रहे थे। इन प्रकरणं में पति-पत्नि के मिलन से उनके छोटे बच्चें बहुत खुश हुये। राजीनामा करने वाले पक्षकारों ने खुशी-खुशी एक दुसरे के गले में मलाये पहनाई।।
इस लोक अदालत में विद्यत अधिनियम संबंधी विशेष न्यायाधीश श्री जितेन्द्र कुशवाह के द्वारा 103 प्रकरणो एवं श्री आदेश कुमार जैन के द्वारा 75 प्रकरणों को निराकरण किया गया। जिनमें काफी प्रकरण 10 एवं 5 साल की लंबी अवधि से न्यायालय में लंवित थे ।
जन उपयोगी सेवाओं की लोक अदालत में जिला न्यायाधीश /सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अरविंद जैन के द्वारा 7 प्रकरणों का निराकरण किया, जिनमें लाखों रूपये की क्षतिपूर्ति राशि किसानों को उनकी फसल बीमा के संवंध में दिलाई गई।
मान. श्री एन.पी.सिंह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उज्जैन द्वारा जिला मुख्यालय सहित समस्त तहसील न्यायालयों में गठित कुल 43 खंडपीठों द्वारा हजारों पक्षकारों / आम नागरिकों के न्यायालयों में विचाराधीन एवं प्रीलिटिगेशन स्तर के मामलों का निशाकरण कराया गया। उक्त अवसर पर वनविभाग के सहयोग से समझौता करने वाले पक्षकारों को पोधो का वितरण कर पर्यावरण में सहयोग देने का आह्वान भी किया गया।