किसानों के कंधे से बंदूक चलाने वालों की हार होगी, मैं उनके लिए 24 घंटे तैयार हूं: पीएम मोदी

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नई दिल्ली। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के एक दिन के दौरे पर पहुंचे। यहां कच्छ में उन्होंने समुद्री पानी को पीने के पानी में बदलने वाले (डिसैलिनेशन) प्लांट, देश की सबसे बड़ी सौर परियोजना और एक ऑटोमैटिक मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट का भी शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने यहां से एक बार फिर आंदोलन कर रहे किसानों को समझाइश दी। उन्होंने कहा कि किसानों के कंधे से बंदूक चलाने वालों की हार होगी। मैं किसानों के लिए 24 घंटे तैयार हूं।

साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि, जिन कृषि सुधारों को किया गया है, उनकी मांग किसान निकायों और यहां तक की विपक्षी दलों ने भी की। भारत सरकार हमेशा किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और हम किसानों को आश्वस्त करेंगे, उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे। पीएम मोदी अपने संबोधन में कहा कि, गुजरात में खेती के परंपरा को आधुनिकता से जोड़ा गया है। फसलों की विविधता पर फोकस किया गया। कच्छ सहित गुजरात में किसान ज्यादा मांग वाली फसलों की तरफ मुड़ गए। सिर्फ 1.5 दशक में गुजरात में कृषि उत्पादन में 1.5 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है। उन्होंने आगे कहा कि, आज डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्रों का तेजी से विस्तार हो रहा है। गुजरात में भी दुग्ध आधारित उद्योगों का विस्तार इसलिए हुआ, क्योंकि इसमें सरकार की पाबंदियां कम से कम रही। सरकार जरूरी सहूलियत देती है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, पिछले दो दशकों में गुजरात में कृषि, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र समृद्ध हुए हैं। कारण है- सरकार का न्यूनतम हस्तक्षेप। किसानों और सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए गुजरात ने बेहतर काम किया है। समय और आवश्यकता के साथ बदलना कच्छ और गुजरात की ताकत है। किसान, पशु होर्डर्स और मछुआरे आज बेहतर हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि कृषि को तकनीक से जोड़ा गया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि, मनुष्य को समय के साथ बदलते रहना होगा और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना होगा। इस संबंध में मैं कच्छ में किसानों की सराहना करना चाहता हूं। वे विदेशों में फल निर्यात कर रहे हैं। यह अभूतपूर्व है और हमारे किसानों के उत्साह को इंगित करता है।

साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि, पिछले बीस वर्षों में, गुजरात ने कई किसान हितैषी योजनाओं की शुरूआत की। गुजरात सौर ऊर्जा क्षमता को मजबूत करने के लिए काम करने वालों में से सबसे पहले राज्य था। 21वीं सदी में ऊर्जा सुरक्षा और जल सुरक्षा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि, कच्छ की पानी की समस्या को कौन भूल सकता है। जब हमारी टीम ने कच्छ के लिए नर्मदा का पानी मिलने की बात कही, तो हमारा मजाक उड़ाया गया। अब, नर्मदा का पानी कच्छ तक पहुंच गया है और मां नर्मदा के आशीर्वाद से, कच्छ प्रगति कर रहा है।