स्वच्छ शहर के नाम पर इतराने वालों बर्बादी इधर भी दस्तक दे रही है

Share on:

अर्जुन राठौर

स्वच्छ शहर इंदौर के नाम पर गर्व करने वालों को थोड़ा शर्मिंदा होना भी सीखना पड़ेगा, हर बार स्वच्छता का तमगा लेकर देशभर में घूम नहीं सकते स्वच्छ शहर में बरबादियों की जो कहानियां लिखी जा रही है उनकी तरफ भी ध्यान देना जरूरी है । ऐसी ही एक बर्बादी का सामना हम पिछले दिनों कर चुके हैं जिसमें 36 लोगों ने अपनी जान गवां दी ये सभी निर्दोष थे लेकिन इनके परिवार उजड़ गए अब भले ही दोषियों को कितनी भी कठोर सजा मिले लेकिन उजड़े हुए परिवारों की खुशियां दोबारा नहीं लौट सकती ।

एक दूसरी बर्बादी भी इंदौर में आतंक मचा रही है उसकी और भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है आज ही एक ऐसी घटना हुई जिसमें तेज रफ्तार कार ने दो होनहार युवकों को मौत के घाट उतार दिया जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए इंदौर आए थे इनमें से एक युवक दो अपने परिवार का इकलौता बेटा था लेकिन इंदौर की खूनी सड़क ने खूनी सड़क ने परिवार के चिराग को बुझा दिया इसको लेकर कहीं कोई हलचल नहीं दिखाई दी कि आखिर तेज रफ्तार कारों से रोजाना कितने लोग इस शहर में अपनी जान गवां रहे हैं ।

शहर में यातायात यातायात सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है यातायात पुलिस की भूमिका को लेकर कई बार अखबारों में खबरें भी छपती है लेकिन इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता । तेज रफ्तार कारों के कारण लोग सड़कों पर ही दम तोड़ रहे हैं और शाम होते ही इंदौर पूरी तरह से नशेड़ीयों के हवाले हो जाता है । पब बार से लौटने वाले नशेड़ी बगल में लड़की को बिठाकर अपने आप को बेताज बादशाह समझते हैं और सड़कों पर आए दिन लोगों को रोंदते रहते हैं और देर रात तक शहर की सड़कों पर आतंक फैलाते हैं ।

जब इंदौर में नाइट कल्चर की शुरुआत की गई थी तभी इस बात का आभास हो जाना था कि बिगड़ैल रईसजादे क्या गुल खिलाएंगे ?और ऐसा हो भी रहा है इन्हें रोकने के लिए न तो यातायत पुलिस कुछ कर रही है और ना ही पुलिस प्रशासन । हालात इतने बदतर हो गए हैं कि सुबह घर से निकला हुआ व्यक्ति शाम को यदि सकुशल घर आ जाए तो बहुत बड़ी बात मानी जा रही है ।

इंदौर में ऐसा कोई दिन नहीं निकलता जब सड़क पर किसी निर्दोष नागरिक जान नहीं गई हो स्वच्छ शहर के नाम पर इतराने वालों को यह भी सोचना चाहिए कि शहर में बर्बादी की कौन सी नई कहानियां लिखी जा रही है आखिर कितने निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद प्रशासन हरकत में आएगा? इंदौर के बावड़ी कांड ने यह तो साबित कर ही दिया है कि किसी भी बड़ी एक्शन के लिए लोगों की बलि जरूरी है फिर भले ही वह बलि एक व्यक्ति की हो या फिर 36 लोगों की ।