गुवाहाटी। चीन और रूस को मिसाइलों को जोरदार टक्कर देने के लिए अमेरिका ने एक हाइपरसोनिक मिसाइल बना ली है। वही, यूएस एयरफोर्स का कहना है कि, हवा से दागी जाने वाली AGM-183A मिसाइल 8 से 10 हजार किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि, यूएस एयरफोर्स में शामिल होने के बाद AGM-183A अमेरिका की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल होगी। इसके अलावा अमेरिका एक छोटी हाइपरसोनिक मिसाइल Mayhem पर भी काम कर रहा है।
बता दे कि, ऐसा पहली बार हुआ है कि, जब एयरफोर्स मैगजीन को दिए साक्षात्कार में एयरफोर्स ग्लोबल स्ट्राइक कमांड के रणनीतिक मामलों के डायरेक्टर मेजर जनरल एंड्यू गेबरा ने पेंटागन के पहले हाइपरसोनिक मिसाइल को सार्वजनिक रूप से बात की है। वही, मेजर में बताया कि, यह मिसाइल 10 से 12 मिनट में 1600 किमी की दूरी तय कर लेगी। इस मिसाइल की गति 6.5 या 7.5 मैक होगी। वो हथियार जो 5 मैक से ज्यादा की स्पीड से वार करे तो उसे हाइपरसोनिक मिसाइलों में गिना जाता है। इस मिसाइल का परीक्षण जून 2019 से चल रहा है और अक्टूबर 2021 में इसका लाइव परीक्षण किया जाएगा।
साथ ही, ग्लोबल स्ट्राइक कमांड के कमांडर जनरल टिमोथी एम रे ने बताया कि, यह मिसाइल पेंटागन की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल होगी। यह आने वाले कुछ वर्षों में शुरुआती ऑपरेशनल क्षमता हासिल कर लेगी। इस मिसाइल को अमेरिका के सबसे घातक B-52 रणनीतिक बॉम्बर्स पर तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, इसके लिए बी-52 में काफी बदलाव किया जा रहा है। अमेरिका भले ही हाइपरसोनिक मिसाइल बना रहा हो लेकिन वह अभी भी रूस से काफी पीछे है जिसने 10 मैक और 20 मैक की महास्पीड से मार करने वाली किंझल और एवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइल बनाई है। बता दे कि, रूस ने हालही में अपनी तीसरी हाइपरसोनिक एंटी शिप मिसाइल जिरकॉन का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल ने 8 मैक की स्पीड हासिल की।
बता दे कि, अमेरिका की हाइपरसोनिक मिसाइल को सिर्फ रूस का S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ही टक्कर दे सकता है। हालांकि रूस के पास भी अमेरिका की इस मिसाइल को मात देने के लिए सिर्फ 4 मिनट ही होंगे। जानकारी दे दे कि, इस हाइपसोनि मिसाइल को सॉलिड फ्यूल रॉकेट बूस्टर से बनाया गया है। यह मिसाइल को हाइपरसोनिक स्पीड प्रदान करता है। साथ ही सेना और नौसेना ने अपने खुद के हाइपरसोनिक डिलिवरी सिस्टम कॉमन हाइपरसोनिक ग्लाइड बॉडी वीइकल या C-HGB को टेस्ट किया है।