मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में अनंत चतुर्दशी के दिन हर साल चल समारोह का आयोजन किया जाता हैं। यह प्रथा होलकर वंशज के समय से चलती आ रही हैं। इंदौर के चल समारोह की चर्चा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी की जाती हैं। यहां दूर-दूर से लोग इंदौर के चल समारोह में झांकियां और अखाड़े को देखने के लिए आते हैं। हर साल अखाड़े में डीजे के साथ का झाकियों का प्रदर्शन किया जाता हैं। लेकिन इस बार चुनाव की वजह से झांकी में निकलने वाले अखाड़े में डीजे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके लिए नई गाइडलाइन भी जारी की गई हैं।
डीजे पर प्रतिबंध के साथ मंच के सामने प्रदर्शन करने की समय सीमा तय
जानकारी के अनुसार, गणेश विसर्जन के बाद शहर में अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाले चल समारोह को लेकर जनसंपर्क कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। इतना ही नहीं बल्कि झाकियों के काफिले के दौरान बजने वाले डीजे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया हैं। साथ ही 28 सितंबर को होने वाले चल समारोह के लिए अखाड़े द्वारा शस्त्र कला के प्रदर्शन का निर्धारण किया गया।
जिला प्रशासन निर्णायक मंच के सामने कलाकार द्वारा किसी भी तरह का खतरनाक प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा अखाड़ा पदाधिकारियों को भी कहा गया कि प्रदर्शन करने के लिए मंच के सामने उन्हें सिर्फ 3 मिनट का समय दिया जाएगा। इससे ज्यादा वह मंच के सामने नहीं रुक सकेंगे। आपको बता दें कि, 28 सितंबर को रात्रि में होने वाले समारोह के लिए अखाड़े द्वारा शस्त्र कला के प्रदर्शन का निर्धारण किया जाना हैं।