हर साल हनुमान जयंती बड़े ही धूम-धाम से मनाई जाती है लेकिन इस साल वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते यह पर्व बड़ी ही शांति से मनाया जाएगा। सभी संकटो को हरने वाले प्रभु श्री राम के परमभक्त हनुमान जी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान है और अपनों की हर इच्छा पूरी करने में भी हनुमान जी सबसे जल्दी सुनते है। हनुमानजी एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनके कारण तीनों लोकों की कोई भी शक्ति अपनी मनमानी नहीं कर सकती। वे सिर्फ साधु-संतों के ही नहीं बल्कि भगवानों के भी रक्षक हैं। उनसे बड़ा इस ब्रह्मांड में दूसरा कोई नहीं। वे परम ब्रह्मचारी और ईश्वरतुल्य हैं।
आपको बता दे, इस साल हनुमान जयंती पर एक शुभ सिद्धि योग और एक अशुभ व्यतिपात योग का संयोग बन रहा है। ऐसे में आप सभी दिन में पड़ रहे सिद्धि योग में पूजा करें। साथ ही कोई शुभ कार्य करना हो, तो दिन में ही कर लें। रात्रि में पड़ रहे व्यतिपात योग में पूजा भले कर लें, लेकिन कोई भी शुभ कार्य न करें। इसके अलावा 27 अप्रैल को रात्रि 8.08 बजे तक स्वाति नक्षत्र है, जो व्यापार के लिए उत्तम माना जाता है। इसके बाद विशाखा नक्षत्र शुरू होगा। इस नक्षत्र के प्रभाव से बैंक, बीमा, शेयर आदि कार्य करने वालाें के लिए लाभदायी माना जाता है।
घर पर करें पूजा –
जैसा की आप सभी जानते है इस साल मंदिर बंद हैं, इसलिए घर पर ही हनुमानजी की फोटो पर गंगाजल छिड़करकर दीप प्रज्ज्वलित करके कम से कम 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। रामायण के सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं। आरती करके गुड़, चना, रोट का प्रसाद स्वजनों को बांटे।
शुभ मुहूर्त –
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4.06 से 4.50 बजे
अभिजीत मुहूर्त – 11.40 से 12.33 बजे
अमृत – 12.26 से 1.50 बजे
विजय मुहूर्त – 2.17 से 3.09 बजे
गोधूलि बेला – 6.26 से 6.49 बजे
त्रिपुष्कर योग – 5.14 से 5.33 बजे
रामायण पाठ करें –
ज्योतिषाचार्य के अनुसार 27 अप्रैल की रात 8:03 बजे तक सिद्धि योग है,ऐसे में इस समय तक हनुमानजी की पूजा पाठ करना श्रेष्ठ है। अगर आप कोई नया काम शुरू करना हो तो सिद्धि योग में करें। वहीं रात्रि में व्यतिपात योग शुरू होगा, इसे अच्छा नहीं माना जाता इसलिए इस योग में नया काम शुरू ना करें। बता दे, इस योग में पूजा, पाठ, रामचरित मानस गान, हनुमान चालीसा आदि का जाप कर सकते हैं।