Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी के इस उत्सव के दौरान लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं और सामाजिक और सांस्कृतिक सांझों का हिस्सा बनते हैं। यह त्योहार भारतीय समाज की एकता और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण प्रतीक है। गणेश चतुर्थी भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह भारतीय त्योहारों का एक अद्वितीय और रंगीन पर्व है। इसे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ आज के दिन भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार हिन्दू धर्म में गणेश जी का सभी देवताओं में सबसे पहले आगमन होता है। देश में कई जगह भगवान गणेश के कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं जो आज भी ऐतिहासिक धरोहर के रूप में शामिल है। आइए जानते हैं गणपति जी के कुछ मशहूर मंदिरों के बारे में, जहां आप घूमने के लिए जा सकते है साथ में बप्पा के दर्शन भी हो जाएंगे।
सिद्धि विनायक मंदिर
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित सिद्धि विनायक मंदिर को देश के सबसे मशहूर मंदिरों में से एक है। यह मंदिर काफी साल पुराना है जिसे 1801 में बनवाया गया था।
खरजाना गणेश मंदिर
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में गणेश भगवान का कई सालों पुराना मंदिर स्थित है। इस मंदिर में गणेश जी की 3 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। जिसे 286 साल पहले एक बावड़ी से निकाला गया था। इस मंदिर में दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते है।
चिंतामणि गणेश मंदिर
मध्य प्रदेश के उज्जैन को महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है। इसी शहर में भगवान गणेश का भी एक अद्भुत मंदिर है। यहां स्थित चिंतामणि गणेश मंदिर में भगवान गणपति की तीन मूर्तियां विद्यमान है। मंदिर के गर्भगृह में मौजूद पहली मूर्ति को चिंतामण, दूसरी मूर्ति को इच्छामन और तीसरी मूर्ति को सिद्धि विनायक नमा से पहचाना जाता है।
रणथंबौर गणेश मंदिर
राजस्थान के रणथंबौर में स्थित गणेश जी का यह मंदिर 1000 साल पुराना है। रणथंबौर किले की सबसे ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर में गणेश जी का त्रिनेत्र स्वरुप देखने को मिलता है।
गणेश टोक मंदिर
सिक्किम की राजधानी गंगटोक में स्थित गणेश टोक मंदिर भी काफी मशहूर है। गणेश टोक मंदिर के आस-पास का नजारा बेहद खूबसूरत है। वहीं मंदिर के गर्भगृह में गणपति की विशाल प्रतिमा स्थापित है। गणेश टोक मंदिर के आस-पास का नजारा बेहद खूबसूरत है।
मधुर महागणपति मंदिर
केरल में स्थित मधुर गणपति मंदिर को भगवान गणेश का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था। वहीं मंदिर में गणेश जी की एक विचित्र प्रतिमा भी विद्यमान है। इस मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा को किस धातु से बनाया गया है, इसके बारे में आज भी किसी को मालूम नहीं हुआ है।