वास्तु शास्त्र एक ऐसी शाखा है जिसका ज्ञान हर व्यक्ति को भले ही न हो लेकिन बिना वास्तु के व्यक्ति अपने मकान या दूकान या और किसी भी स्थान का निर्माण करते है तो इसका महत्व सबसे ज्यादा होता है, यहां तक कि मकान बनाने वाला ठेकेदारऔर इंजीनियर दोनों भी वास्तु के हिसाब से ही घर का निर्माण करते है। वास्तु के अनुसार घर के हर एक कोने का अपना महत्व होता है, जैसे की घर का मुख्य द्वार जहा से आपके घर में खुशियाँ आती है, और घर के वो स्थान जहा खाना बनाया जाता हो , अन्य स्थान जहा भगवान का पुजा घर हो ये सभी वास्तु के अनुरूप होने से घर में सदा सुख शांति बनी होतो है।
घर का सबसे पहला और महत्व वाला स्थान घर के दरवाजे को माना जाता है और इस दरवाजे के सही दिशा में बने होने से ही आपके घर में सकारत्मक ऊर्जा का संचार होता है और खुशिया भी आती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप अपने घर का दरवाजा वास्तु के नियमों के अनुसार बनवाते हैं, तो आपके घर में सकारात्मकता हमेशा बनी रहेगी।
तो जानिए केसा है आपका मुख्य द्वार कर सकते है बदलाव-
बहुत से लोग घर के दरवाजे पर नाम की पट्टी या कोई स्लोगन लिखवाते है जो कि वास्तु के अनुसार काफी शुभ होता है, लेकिन इसे लगाने के बाद ध्यान रहे कि इसपर धूल न जमा होने दें और इसे रोज एक बार पोछें ताकि साफ रहे, क्योंकि इससे आपके घर में खुशहाली, धन-धान्य आता है।
कैसा होना चाहिए मुख्य द्वार-
घर का मुख्य दरवाजा जो सबसे पहले लगा हो उसे भी आकर के अनुरूप ही लगाना चाहिए, वास्तु के हिसाब से दरवाजे को आयताकार ही होना चाहिए और एक अन्य बात दरवाजा हमेशा लकड़ी का ही होना चाहिए, ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और घर में पैसे की कमी नहीं होती। साथ ही घर के मुख्य दरवाजे पर डोर मैगनेट लगाना चाहिए ताकि घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहे। यह आपको नकारात्मक ऊर्जा और कई प्रकार की परेशानियों से बचाता है।
घर के मुख्य द्वार पर रौशनी का प्रबंध भी होना चाहिए, हो सजे तो घर में लाल लाइट्स का प्रयोग करने से बचे, एक रोशनदान का निर्माण अवश्य कराये ताकि घर में अँधेरा नहीं हो सके। यदि आपका घर छोटा है तो घर के दरवाजे पर कूड़े दान और जुटे रखने के स्टैंड को न रखे। साथ ही टूटे और पुराने अटाले को घर में जितना हो सके कम या न ही रखे।