चंद्रयान-3 की सफलता से चारों और जश्न का माहौल बना हुआ हैं। पुरे देशवासियों के लिए यह बहुत गर्व की बात हैं। आपकों बता दें, रीवा के सीनियर साइंटिस्ट तरुण सिंह का इस मिशन में बड़ा योगदान रहा है। इस मिशन में इसरो ने तरुण सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। आपको यह जानकार और भी गर्व महसूस होगा की तरुण सिंह की निगरानी में ही चंद्रयान से तस्वीरें पहुंचेगी।
रीवा के छोटे से गांव इटौरा गढ़ में पल बढ़कर बड़े हुए। तरुण सिंह ने देशभर के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। तरुण सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने सैनिक स्कूल रीवा SGSITS इंदौर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की उसके बाद वह इसरो से जुड़ गए। पिछले 4 सालों से तरुण अहमदाबाद में चंद्रयान-3 के मिशन के लिए काम कर रहे थे।
आपको बता दें, इसरो ने तरुण सिंह को पेलोड क्वालिटी इंश्योरेंस की जिम्मेदारी सौंपी थी। यह एक प्रकार का सेटेलाइट में लगने वाला कैमरा होता है जो चंद्रमा की तस्वीर खींचकर डाटा कोड में भेजता हैं। तरुण सिंह आठ भाइयों में से सातवें नंबर के हैं। बड़े भाई शिक्षक विनोद सिंह ने उनकी परवरिश की और पढ़ा लिखा कर उन्हें इस लायक बनाया। इस वक्त विनोद अपने आप को गौरवनित महसूस कर रहे हैं।