ऐसी है देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो, जानें इसकी खासियत  

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आज पीएम मोदी ने देश को नए साल के पहले एक खास तोफहा दिया है। पीएम मोदी आज देश की पहली बिना डाइवर वाली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई है। उन्होंने इस ट्रैन का उदघाटन आज 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया और हरी झंडी दिखा कर उसे रवाना किया। बात दे, देश कि पहली ड्राइवरलेस ट्रेन दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर चलाई जानी है। हर कोई इसकी खासियत जानना चाहता हैं। आपको बात दे, ये ट्रेन जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के बीच दौड़ेगी। आज हम आपको इसकी खासियत बताने जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, इस ट्रेन के बाद साल 2021 में पिंक लाइन में 57 किमी तक ऐसी मेट्रो चलने की योजना है। बताया जा रहा है कि ये ट्रेन मजलिस पार्क से शिव विहार तक की दूरी तय करेगी। इस ट्रेन में 2,280 यात्री एक बार में सफर कर सकते हैं। वहीं बात करें ड्राइवरलेस मेट्रो की तो दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अनुसार, मेट्रो ट्रेन एक जैसी रफ्तार से चल पाएगी। इसकी स्पीड 95 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। वहीं पटरी पर 85 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ये चलेंगी।

आपको बता दे, नए वाले सिग्नल सिस्टम की वजह से इस ट्रेन की न्यूनतम दूरी घट जाएगी और मेट्रो स्टेशन के प्लैट्फॉर्म पर ट्रेन की फ्रीक्वेंसी भी अच्छी होगी। यात्रियों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस ट्रेन के कारण मैनुअल गलती की संभावना कम हो जाएगी। इस वक्त मजेंटा लाइन पर ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन के तीसरे फेज के तहत ड्राइवरलेस मेट्रो का संचालन होगा। जिसके चलते इसमें ड्राइवर की जरुरत नहीं होती है लेकिन फिर भी इमरजेंसी के लिए ड्राइवर ट्रेन में ही मौजूद रहता है। इसे अटेन्डेन्ट कहा जाता है।

नार्मल मेट्रो की जगह इस ट्रेन में ड्राइवर केबिन नहीं होगा तो पैसेंजर्स के लिए थोड़ी ज्यादा जगह होगी। नार्मल मेट्रो की जगह इस ट्रेन में ड्राइवर केबिन नहीं होगा तो पैसेंजर्स के लिए थोड़ी ज्यादा जगह होगी। ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन जिन स्टेशनों से गुजरेगी, उनके प्लेटफॉर्म पर स्क्रीन डोर लगे होंगे। ताकि कोई ट्रैक पर न जा सके। यह डोर तभी खुलेंगे जब प्लेटफॉर्म पर मेट्रो ट्रेन आकर खड़ी हो जाएगी।