ये है कोलकाता के कुछ फेमस दुर्गा पंडाल, जानें इनकी खासियत

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नवरात्रि का आज पहला दिन है। ऐसे में हर कोई माता के दरबार में माथा टेकने जाता है। इन 9 दिन माता के 9 स्वरूपों की आराधना की जाएगी। वहीं नवरात्रि की धूम सबसे ज्यादा कोलकाता में देखने को मिलती है। वहां नवरात्रि शुरू होने से पहले ही मां दुर्गा के पंडाल बना दिए जाते हैं। कोलकाता में हर साल सिर्फ एक या दो पंडाल नहीं बल्कि कई ऐसे प्रसिद्ध स्थान है जहां हर नवरात्रि भक्तों का तांता लगा हुआ रहता है। माता के दर्शन के लिए यहां हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ती है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ फेमस पंडालों के बारे में बताने जा रही हैं जहां आप इन नौ दिनों तक पूजा और दर्शन के लिए जा सकते हैं। तो चलिए जानते है उन खास पंडालों के बारे में –

ये है कोलकाता के खास पंडाल –

बल्लीगंज कल्चरल एसोसिएशन द्वारा बनाए गए पंडाल पर्यावरण के अनुकूल रखा जाता है। हर साल इसे पर्यवरण के अनुसार ही रखने का प्रयास किया जाता है। वहीं इस पंडाल की सबसे खास बात ये है कि यहां जो माता कि मूर्ति का स्थान है वो बहुत ही आकर्षित है। यहां की जाने वाली साज सजावट भी सबसे ज्यादा खास होती है। यहां दूर दूर से भक्त मां के दर्शन के लिए आते हैं।

सुरुचि संघ द्वारा बनाए गए दुर्गा पूजा पंडाल कोलकाता का सबसे फेमस पंडाल है। यहां का मुख्य आकर्षण इसकी कलात्मक सजावट है। यहां की सजावट ही लोगों को आकर्षित करती है। साथ ही यहां की गई शिल्पकारी लोगों का ध्‍यान खींचती है। यहां की बात ये है कि यह हर साल इसकी थीम भारत के किसी एक राज्य पर आधारित होती है।

संतोषपुर लेक पल्‍ली द्वारा बनाए गए पंडाल को कोलकाता के प्रतिष्ठित दुर्गा पूजा में से एक माना जाता है। ये हर साल भक्तों की भीड़ से भरा मिलता है। यहां का वातावरण लोगों को बहुत पसंद आता है। इस साल यहां पर पंडाल तेज रौशनी के साथ खुली हवा वाला बनाया गया है। आप यहां दर्शन के लिए जा सकते हैं।

दक्षिण कोलकाता के आयोजक समाजसेवी संघ द्वारा बनाए गए पंडाल को हर साल अलग अलग थीम पर बनाया जाता है। लेकिन इस साल कोरोना को देखते हुए पंडाल में कुछ बदलाव किए गए है। साथ ही पंडाल की दिशा भी बदली गई है। भक्त दूर से ही मां के दर्शन कर सकते हैं। वैसे तो हर साल यहां पर बहुत बड़ी संख्या में भक्त मां के दर्शन के लिए आते हैं।

शिव मंदिर पूजा समिति ने इस साल कोरोना के संक्रमण को देखते हुए मां दुर्गा पूजा पंडाल को लेकर खास एहतियाती कदम उठाए हैं। यहां इस बार उतनी धूमधाम नहीं होगी और सुरक्षा संबंधी प्रबंध होंगे। क्योंकि कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है।