यह व्हाट्सएप ज्ञान नहीं है, पुराणों व धर्मग्रंथों में उल्लेखित जानकारी है

Mohit
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विजय अड़ीचवाल

आज रविवार, भाद्रपद शुक्ल षष्ठी तिथि है।
आज विशाखा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

– आज बलराम (संकर्षण) अवतरण दिवस है।
-आज विशाखा नक्षत्र और वैधृति योग होने से चम्पाषष्ठी, सूर्य षष्ठी है।
-बलदाऊ का जन्म भाद्रपद शुक्ल षष्ठी, स्वाति नक्षत्र, बुधवार को दोपहर वसुदेव जी की पत्नी रोहिणी के गर्भ से हुआ।
-बलदाऊ सात माह देवकी के गर्भ में, फिर रोहिणी के गर्भ में मात्र 5 दिन ही रहे।
-योग माया ने देवकी के गर्भ से बलराम जी को रोहिणी के गर्भ में स्थापित किया। इसी कारण उनका नाम संकर्षण हुआ।
– बलराम जी की पत्नी रेवती थी। इन्द्र के शापवश उनसे एक भी पुत्र नहीं हुआ।
-एक बार बलराम जी के सामने दुर्योधन ने उग्रसेन के प्रति अपशब्द कहे। इससे क्रुद्ध होकर बलराम जी ने हल की नोंक से हस्तिनापुर को गङ्गा में डुबाने के लिए उखाड़ लिया था। कौरवों की बहुत विनती पर वे शान्त हुए।
-आज भी हस्तिनापुर क्षेत्र टेढ़ा है।
-चैत्र पूर्णिमा के दिन बलभद्र जी द्वारा कालिन्दी तट पर रासलीला करने का भी उल्लेख है।
-श्री बलराम स्तोत्र, बलराम कवच, बलभद्र सहस्रनाम स्तोत्र का आज के दिन पाठ करना चाहिए।
-श्रीकृष्ण अवतार तो पिछले द्वापर में 27 कलियुग के पश्चात हुआ था।
– किन्तु प्रत्येक द्वापर युग में पृथ्वी का भार हरण करने बलराम जी ही प्रकट होते हैं।