शिक्षक दिवस पर इंदौर की शिक्षिका की ये बेहतरीन कविता

Mohit
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करिश्मा बोराना (शिक्षिका)

निराशा में आशा के फूल खिलाए,
अंधेरों में रोशनी के दीए जलाए,
कभी प्यार तो कभी डांट से हमेशा सही राह बताए,
सच में झूठ की पहचान कराए,
कभी ममता की पहचान कभी पिता की छांव होते हैं गुरु
एक आकार जीवन को मिलता इनसे इसलिए पूज्यनीय होते हैं।

मेरे शिक्षक साथियों और गुरुजनों को शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।