सावन के ये दो दिन बेहद खास, जानें कब बन रहा है पुष्य नक्षत्र का सिद्धि योग

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सभी 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को विशेष शुभ माना गया है। वहीं जब कभी रविवार को ये नक्षत्र पड़ता है तो ये रवि पुष्य नक्षत्र कहलाते हुए खास योग का निर्माण करता है। ऐसे में इस बार ये रवि पुष्य नाम का महायोग 8 अगस्त को भी बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार किसी नए कार्य को करने के लिए रवि पुष्य योग को अत्यंत शुभ मना गया है। इस दिन घर पर नई वस्तुओं को खरीदकर लाना भी अच्छा माना गया है। इसके अलावा इस दिन भूमि भवन के अलावा दुकान, वाहन और आभूषण आदि को खरीदना शुभ माना जाता है।

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ज्योतिषाचार्य के अनुसार, पुष्य नक्षत्र शनिवार को तकरीबन सुबह 8.20 से शुरू होकर रविवार सुबह करीब 9.37 तक रहेगा। इस नक्षत्र में शिव चतुर्दशी और हरियाली अमावस्या का योग भी बन रहा है। मान्यता है कि शनि पुष्य नक्षत्र में खरीदी हुई वस्तु का उपयोग शुभ और फलदायी होता है। इसलिए बहुत से लोग शुभ कामों और खरीदारी के लिए इस नक्षत्र का इंतजार करते हैं।

पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। इस नक्षत्र के नाम से इसका अर्थ पोषण करना या पोषण करने वाला है।

वैदिक ज्योतिष में गाय के थन को पुष्य नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना गया है। इसे ‘अमरेज्य’ भी कहते हैं। अमरेज्य यानि देवताओं का पूज्य। पुष्य नक्षत्र के देवता देवगुरु बृहस्पति माने जाते हैं। वहीं इसके अधिपति ग्रह शनि हैं।

ऐसे में पुष्य नक्षत्र को लेकर ये भी माना जाता है कि दोनों ग्रहों के प्रभाव के चलते जहां शनि के चलते ये स्थायित्व देता है वहीं बृहस्पति के कारण बुद्धिमत्ता व शुभत प्रदान करता है। वहीं दोनों ग्रहों के प्रभाव से पुष्य नक्षत्र किसी भी कार्य को शुभ व चिर स्थायी बना देता है।