मुख्यमंत्री कृषि ब्याज माफी योजना में मध्यप्रदेश के ये तीन जिले रहे टॉप 3 में

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MP News: मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना के क्रियान्वयन में इंदौर संभाग ने अभी तक उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इस योजना के क्रियान्वयन में इंदौर संभाग के तीन जिले प्रदेश में क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में संभाग का अलीराजपुर जिला प्रथम, इंदौर जिला द्वितीय तथा झाबुआ जिला तृतीय स्थान पर है। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने इन जिलों में हुए कार्यों की सराहना करते हुए कलेक्टर और संबंधित विभाग के अधिकारियों को बधाई दी है।

संभागायुक्त डॉ.पवन कुमार शर्मा द्वारा आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य शासन द्वारा क्रियान्वित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा के लिए संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक ली गई । इस बैठक में संभाग के जिलों के कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत उपस्थित थे। इस बैठक में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान 2.0, लाडली बहना योजना, मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना, राजस्व प्रकरणों के निराकरण, बंटवारा सीमांकन और नामांतरण प्रकरणों के निराकरण, प्राकृतिक आपदा से निपटने संबंधी तैयारियां, वनाधिकार पट्टो के वितरण, मुख्यमंत्री सीखो कमाओं योजना की तैयारियों,सिंचाई योजना के डाउन स्ट्रीम क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना के अन्तर्गत ब्याज माफी के लिये किसानों से आवेदन लिये जा रहे हैं और उन्हें पोर्टल पर दर्ज किया जा रहा है।

इस दिशा में इंदौर संभाग में बेहतर कार्य हो रहा है। संभाग के तीन जिले प्रदेश के प्रथम तीन जिलों में शामिल हैं। इनमें अलीराजपुर पहले, इंदौर दूसरे तथा झाबुआ तीसरे स्थान पर है। बताया गया कि संभाग में अभी तक कुल एक लाख 34 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। बैठक में संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित किया जाये। लाड़ली बहना योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि ऐसे आवेदन जो आधार से लिंक होने, डीबीटी होने तथा अन्य कारणों से लंबित हैं, उनका निराकरण शीघ्र कराया जाये। इसके लिये उन्होंने निर्देश दिये कि जिलों में अधिकारियों को बैंकवार जवाबदारी सौंपी जाये।

उन्होंने वनाधिकार पट्टों के लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के निर्देश भी दिये। आगामी मानसून में संभाग के जिलों में बाढ़/अतिवृष्टि सहित अन्य प्राकृतिक आपदा से निपटने की तैयारियों की भी उन्होंने समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी जिलों में एहतियात के रूप में पुख्ता प्रबंध रखे जायें। जिलों में जल संरचनाओं के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाये। तालाबों के पाल की मजबूती और सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाये। गोताखोरों की टीम और बोट हमेशा तैयार रखी जाये।