इन ग्रहों का अक्टूबर में होगा राशि परिवर्तन, ऐसा रहेगा प्रभाव

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ज्योतिष में कुंडली में अनेक योग पाए जाते है, उनमें से एक है राशि परिवर्तन योग, जब दो ग्रह एक दूसरे की राशि में चले जाते है उसे राशि परिवर्तन योग कहते हैं। यह परिवर्तन ग्रहों, नक्षत्रों तथा राशियों में से किसी का भी हो सकता हैं। यदि ग्रह शुभ हैं तथा केंद्र या त्रिकोण में हैं तो यह राजयोग का निर्माण करता हैं, इसके विपरीत यदि ग्रह नीच का हो या अस्त हो तो परिणाम अच्छे नहीं होते।

यदि यह परिवर्तन योग शुभ होता हैं तो दोनों ग्रहों का बल महादशा व अन्तर्दशा आने पर बढ़ जाता हैं तथा यह बहुत फलदायक होता हैं, जिस प्रकार कुंडली में उच्च के ग्रह अच्छा परिणाम देते हैं उसी प्रकार यह परिवर्तन योग भी व्यक्ति को उच्चाइयों तक पहुचाने में सहायक होते हैं, इसी प्रकार का परिवर्तन योग नक्षत्रों में भी निर्मित होता हैं।

वहीं ज्योतिषों के अनुसार अक्टूबर में दो ग्रहों का गोचर होने वाला है। दौरान सूर्य और शुक्र ग्रह अपनी-अपनी राशि में बदलाव करेंगे। साथ ही बुध और मंगल ग्रह वक्री चाल चलेंगे। जिसकी वजह से सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव डालेगा। चलिए जानते है इन राशियों के बारे में –

मंगल देव की वक्री चाल –

अक्टूबर महीने में मंगल गृह मीन राशि में वक्री हो रहा है। वहीं 14 नवम्बर से मार्गी होगा। जिसके बाद 24 दिसंबर को वो अपनी राशि मेष में प्रवेश कर जाएंगे। आपको बता दे, मेष राशि जल तत्व की राशि है। यह बृहस्पति द्वारा शासित है। बृहस्पति और मंगल आपस में मित्र हैं। वहीं मंगल ग्रह कार्य, साहस और इच्छा शक्ति को दर्शाता है। जल तत्व की राशि में अग्नि तत्व प्रधान ग्रह मंगल के गोचर से भावनाओं पर प्रभाव पड़ सकता है। यदि भावनाओं पर नियंत्रण किया गया तो इससे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।

बुध वक्री –

3 अक्तूबर को बुध देव वक्री चाल चलेंगे। उसके बाद 3 नवंबर को वह मार्गी होंगे। आपको बता दे, बुध ग्रह की उल्टी चाल की अवधि 21 दिनों तक रहेगी। इस दौरान बुध तुला राशि में स्थित हैं। साथ ही तुला शुक्र की राशि है जिनसे इनकी घनिष्ठ मित्रता है। दरअसल, जिनकी जन्म कुंडलियों में बुध की स्थिति अच्छी है उनके लिए शुभफल ही प्राप्त होंगे। लेकिन अशुभ स्थिति में फल उतने अच्छे नहीं होंगे।

शुक्र का कन्या राशि में गोचर –

23 अक्तूबर को शुक्र ग्रह कन्या राशि में गोचर करेंगे। 17 नवंबर तक इसी राशि में स्थित रहेंगे। आपको बता दे, शुक्र कन्या से तुला राशि में स्थित रहेंगे। वहीं ज्योतिषों के अनुसार, कन्या राशि में शुक्र नीच के होते हैं। शुक्र को नैसर्गिक भोग विलास व दाम्पत्य का कारक माना जाता है। फ़िल्म इंडस्ट्री, फ़ैशन, गीत-संगीत, ललित-कलाओं में शुक्र का प्रतिनिधित्व होता है। शुक्र का नीचराशिस्थ होना इन क्षेत्रों से जुड़े सभी व्यक्तियों के लिए प्रतिकूल फलदायक रहेगा।

सूर्य का तुला राशि में गोचर –

17 अक्तूबर को तुला में सूर्य ग्रह प्रवेश कर रहे हैं। जो 16 नवंबर तक इसी राशि में ही रहेंगे। उसके बाद सूर्य वृश्चिक राशि में जाएंगे।बता दे, तुला सूर्य की नीच राशि मानी जाती है। दरअसल, इस राशि में सूर्यदेव का फल अशुभ होता है। ज्योतिष में पिता, नेतृत्व, इच्छा शक्ति, साहस, हड्डियों का प्रतिनिधित्व करने वाला सूर्य इस गोचर काल के दौरान अपनी नीच अवस्था में होगा। बता दे, मेष राशि में सूर्य उच्च का और तुला राशि में नीच का माना जाता है। सूर्य के इस राशि में आने से सूर्य से संबंधित चीजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।