नाइट वर्क कल्चर बंद होने से इंदौर की इन इंडस्ट्री को होगा बड़ा नुकसान

Deepak Meena
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इंदौर : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहर में बढ़ती अपराध दर और अवैध गतिविधियों को देखते हुए इंदौर में नाइट कल्चर पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय शुक्रवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें मंत्रियों, विधायकों और इंदौर डिवीजन के अन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस आदेश के तहत, शहर में सभी रात्रिकालीन बाजारों और देर रात तक खुले रहने वाले व्यवसायों को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने पहले जारी किए गए 24 घंटे संचालन के आदेश को भी निरस्त कर दिया है, जो निरंजनपुर चौराहे से राजीव गांधी चौराहे तक बीआरटीएस कॉरिडोर में विभिन्न वाणिज्यिक/औद्योगिक/कार्यालय प्रतिष्ठानों पर लागू था।

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि नाइट कल्चर को लेकर जल्द ही नई व्यवस्था लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसी व्यवस्था विकसित करेगी जो न केवल शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखेगी, बल्कि युवाओं के लिए मनोरंजन के सुरक्षित और स्वस्थ विकल्प भी प्रदान करेगी।

इस फैसले पर इन्वेस्ट एमपी के सचिव सावन लड्ढा ने कहा कि इंदौर में नाइट आफिस वर्क को नाइट कल्चर से मिक्स कर दिया गया। यदि हम नाइट में काम नहीं करेंगे तो आईटी इंडस्ट्री और फारेन बेस्ड कंपनियों के लिए तो बड़ा नुकसान होगा। रात में काम करने वाली इन सभी इंडस्ट्री को ट्रांसपोर्ट, खाना पीना, मेडिकल सुविधाएं सभी रात में भी चाहिए। रात में जो पब, बार और नशा करने वालों की वजह से दिक्कत हो रही थी उसका नुकसान नाइट आफिस वर्क को भी झेलना पड़ा। अपराधों पर नियंत्रण करने के साथ उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए भी योजना बनाना चाहिए।

56 दुकान एसोसिएशन के अध्यक्ष गुंजन शर्मा ने कहा कि इंदौर खानपान के लिए जाना जाता है और यदि यहां पर रातभर फूड इंडस्ट्री को खुला रखा जाएगा तो इससे फायदा भी बहुत होगा। हालांकि इसके लिए पूरी योजना की जरूरत है। अपराध न बढ़ें और शहर की सुरक्षा व्यवस्था सही रहे यह प्राथमिकता होना चाहिए। अभी सिर्फ बीआरटीएस पर बाजार खुले थे जिसमें बड़े फूड जोन नहीं थे इसलिए उस आदेश के निरस्त होने से भी कुछ फर्क नहीं पड़ेगा।