इन चेहरों ने दिया राम मंदिर को भव्य स्वरूप, कहानी सुन हो जाओगे हैरान

Suruchi
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भगवान राम अयोध्या में विराजमान हो चुकें हैं। रामलला का दिव्य भव्य स्वरूप को देखने के लिए 23 जनवरी के बाद से आम लोगों के लिए प्रारंभ हो जाएगा। भगवान के अदभुत आकर्षित स्वरूप देखने को बनता है। ऐसे में भव्यराम मंदिर निर्माण का स्वरूप देने वाले लोगों को नही भूला जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने और सरकार का राम मंदिर ट्रस्ट बनाने से लेकर भूमि पूजन तक कई लोगों का महत्वपूर्ण रोल निभाया है.

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास

महंत नृत्य गोपाल दास राम मंदिर आंदोलन से लेकर कोर्ट में रामलला के साथ लंबे समय तक जुड़े रहने वाले संत है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महंत नृत्य गोपाल दास को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी.बता दे मथुरा में जन्में नृत्यगोपाल दास ने 12 वर्ष की उम्र में ही वैराग्य धारण कर अयोध्या आ गए थे. दशकों से नृत्यगोपाल दास राम मंदिर आंदोलन के संरक्षक की भूमिका में रहे हैं. मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने से लेकर कई काम इन्हीं के नेतृत्व में होते आए हैं.

वीएचपी के उपाध्यक्ष चंपत राय
चंपत राय भी लंबे समय से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे है. राम मंदिर आंदोलन को राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन बनाने में चंपत राय की अहम भूमिका रही है. राम मंदिर मामले की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान राय हमेशा मौजूद रहते थे. राय को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव जैसे अहम पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वे हमेशा से कहते आए है कि राम मंदिर का निर्माण वीएचपी के मॉडल पर ही किया जाएगा.

रामलला के लिए केस लड़ने वाले वकील के. पराशरण
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के.पराशरण श्री रामजन्मभूति तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सदस्य है. पराशरण लंबे वक्त से सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष की पैरवी करते आए है. मंदिर के पक्ष में फैसला आने में इनका अहम योगदान रहा है. पराशरण को पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे पुरस्कार भी मिल चुके हैं.

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा
नृपेंद्र मिश्रा 1967 बैच के यूपी काडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं. मिश्रा राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष बनाए गए है. 2014 से पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे ।मिश्रा को निर्माण समिति का अध्यक्ष इसलिए बनाया गया है ताकि मंदिर तय सीमा में बिना किसी विवाद के साथ पूरी भव्यता के साथ तैयार हो सके.

ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष देव गिरि जी महाराज
महाराष्ट्र में जन्मे देव गिरी महाराज ने 17 वर्ष की उम्र से ही उपदेश देना शुरु कर दिया था. रामायण,भगवत गीता सहित पौराणिक ग्रंथों का देश विदेश में प्रवचन करते है. स्वामी देव गिरी महाराज के पास श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी है. मंदिर निर्माण के लिए जुटाए जाने वाले चंदे का पूरा लेखा जोखा इन्हीं के पास है.

कामेश्वर चौपाल
1989 के राम मंदिर आंदोलन के सयम हुए शिलान्यास में राम मंदिर की पहली ईंट रखने वालों में से एक है। आपको बता दें कामेश्वर चौपाल बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं.इन्हें श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में दलित समुदाय के सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने मंदिर निर्माण और प्रबंधन के लिए ट्रस्ट का गठन का किया है. इस ट्रस्ट में 15 सदस्य शामिल है. जो समय समय पर बैठककर राम मंदिर निर्माण की दशा दिशा तय करते है.