उत्तर प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग डेढ़ लाख शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खुशखबरी आ रही है। नए साल से पहले इन शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ सकता है। प्रदेश के शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को इस संबंध में पत्र भेजा है, और अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुमोदन के बाद जल्द ही मानदेय में वृद्धि का आदेश जारी किया जाएगा।
इस मामले की शुरुआत 2023 में हुई थी, जब शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में शिक्षामित्रों ने अपनी पुरानी मांग को फिर से उठाया कि उनका मानदेय बढ़ाया जाए। वाराणसी के विवेकानंद ने भी अवमानना याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि शिक्षामित्रों का मानदेय उनके काम के हिसाब से सम्मानजनक हो।
कोर्ट के आदेश के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 जनवरी 2024 को एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था, जिसका उद्देश्य शिक्षामित्रों के मानदेय को बढ़ाने के लिए सिफारिशें तैयार करना था। समिति ने अपनी रिपोर्ट 9 अगस्त 2024 को राज्य सरकार को सौंप दी। रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया कि मानदेय बढ़ाने से राज्य के खजाने पर वित्तीय दबाव बढ़ सकता है, इसलिए वित्त विभाग से सहमति लेने के लिए रिपोर्ट भेजी गई है।
वित्त विभाग की सहमति का इंतजार
अब शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि को लेकर अगला कदम वित्त विभाग की सहमति पर निर्भर है। वित्त विभाग से इस संबंध में जल्द ही अनुमोदन मिलने की संभावना जताई जा रही है, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मानदेय वृद्धि के आदेश जारी किए जा सकते हैं। वर्तमान में, उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को 10,000 रुपये मानदेय मिल रहा है।
CM योगी ने दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही शिक्षामित्रों की मांगों को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं। हाल ही में, उन्होंने विधान परिषद के सदस्यों के साथ बैठक में शिक्षामित्रों की मानदेय बढ़ाने और अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों की मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसके अलावा, अक्टूबर में शिक्षामित्रों के संगठन ने मंत्री संदीप सिंह से मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव जल्द पेश करने का भरोसा दिया था।
उम्मीद की जा रही है कि नए साल से पहले उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को मानदेय में वृद्धि का तोहफा मिल सकता है। सरकार के फैसले के बाद, यह शिक्षामित्रों के लिए एक बड़ी राहत होगी और उनके कार्यों के प्रति सम्मान और न्याय की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा।