क्रांतिवीर टंट्या भील का नहीं था कोई फोटोग्राफ, अंग्रेज चित्रकार ने गिरफ्तारी के पहले की तस्वीर

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क्रांतिवीर जननायक टंट्या भील (मामा) के पकड़े जाने तक कोई भी अंग्रेज सैनिक उनका असली चेहरा नहीं जानता था क्योंकि उनका कोई भी फोटोग्राफ उपलब्ध नहीं था। सबसे पहले एक अंग्रेज चित्रकार, बेमोरोज कोलि ने इनका एक चित्र बनाया था जो इनके गिरफ्तारी के पहले तक की पहली तस्वीर थी। टंट्या भील के नाम से होशंगाबाद से नेमावर,बेतूल से मेलघाट तक, अंग्रेजों में ख़ौफ था।

होलकर रियासत में एक विशेष जनजाति के लोग लूटपाट और डकैती में लिप्त थे रियासत की पुलिस डिपार्टमेंट ने जब बड़ी संख्या में इस गिरोह को पकड़ा और दंडित करने का फैसला लिया तो सन् 1888 मे महाराजा शिवाजी राव होलकर ने दंडित करने के बजाय इन्हें बेहतर जीवन व्यतीत करने के लिए झोंपड़ियों का निर्माण करवाकर जमीने और कुएँ खुदवा कर दिए ताकि यह इस काम को छोड़ सकें । तक़रीबन 12 बरस पहले, जफर अंसारी द्वारा शोध एवं प्रामाणिक तथ्यों के आधार पर टंट्या भील पर काफी विस्तार से लिखा गया एक लेख, संक्षिप्त में टाइम्स ऑफ इंडिया के रविवार अंक में 2010 में प्रकाशित हुआ था।