देशभर में कोरोना का कहर एक बार फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है. इसका सबसे ज्यादा असर केरल में देखने को मिल रहा है. यहां हर रोज 20 हजार के करीब नए कोरोना के मामले दर्ज हो रहे हैं. ऐसे में देशभर में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बढ़ता जा रहा है. इसी बीच वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि देश में अक्टूबर से नवंबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप चरम पर हो सकता है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में अक्टूबर और नवंबर के महीनों के बीच कोरोना की तीसरी लहर चरम पर हो सकती है, हालांकि दूसरी लहर की मुकाबले इसका संक्रमण बेहद कम होगा. एक स्टडी के मुताबिक यह दावा आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने किया है. अग्रवाल का कहना है कि अगर कोई नया स्ट्रैन या वेरिएंट नहीं मिलता है तो परिस्थिति बदलने की संभावना नहीं है.
वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा है कि अगर तीसरी लहर चरम पर होती है, तो देश में रोज एक लाख कोरोना पॉजिटिव मामले देखने को मिल सकते हैं, जबकि कोरोना की दूसरी लहर जब चरम पर थी, तब देश में रोज 4 लाख केस निकल रहे थे. दूसरी लहर ने हजारों लोगों की जान ली और कई लाख लोगों को संक्रमित किया था. अग्रवाल का कहना है कि जुलाई और अगस्त माह में वैक्सीनेशन काफी तेज गति से किया गया है, इसलिए तीसरी लहर इतनी आक्रामक नहीं होगी, जितनी दूसरी लहर थी.