भारी वर्षा के बाद जल जनित रोग एवं संक्रमण फैलने की बड़ी संभावनाएं

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इंदौर। इंदौर जिले में हाल ही में हुई भारी वर्षा के उपरांत यह संभावना है कि जल जनित रोग एवं संक्रमण फैल सकते हैं। आमजन से अपील की गई है कि वह सावधानियां बरतकर अपने आप को स्वस्थ एवं सुरक्षित रख सकते हैं। दूषित जल से डायरिया, टाइफाइड और हेपेटाइटिस सभी आयु समूह विशेषकर बच्चों और शिशुओं में बीमारी का प्रमुख कारण है।

जल जनित बीमारियों का प्रसार मानसून बाढ़ के बाद बढ़ जाता है, इन बीमारियों को रोकने के उपायों में सुरक्षित पेयजल, बेहतर स्वच्छता और साबुन से नियमित रूप से हाथ धोना सम्मिलित है, जिससे की बीमारी का खतरा कम हो जाता है। इस दौरान मुख्य रूप से दूषित जल के उपयोग के कारण होने वाली बीमारियां ही प्रमुख रूप से देखी जाती है। दूषित जल के सेवन से टाइफाइड, पीलिया, डायरिया, पैचिश एवं हैजा जैसी बीमारियां भी फैलती हैं।

भोजन बनाने में एवं पेयजल के रूप में शुद्ध उबला हुआ जल का उपयोग करें। कुछ भी खाने के पहले व शौच के पश्चात साबुन से अवश्य हाथ धोयें। बारिश में यह समस्या बढ़ जाती है। पानी और अस्वच्छ आदतों से फैलने वाली बीमारियों को मोटे तौर पर दस्त / कृमि संक्रमण / त्वचा और आंखों के रोग/ मच्छरों एवं मक्खियों से फैलने वाले रोग सम्मिलित हैं।

दस्त रोग- दूषित पानी के कारण प्रायः दस्त रोग फैलता है। मुख्य रूप से बच्चों में यह अधिक गंभीर रूप धारण कर सकता है। यह रोग इसलिये भी गंभीर है क्योंकि शरीर में से पानी निकल जाने से बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। दस्त रोग की रोकथाम हेतु प्रायः शुद्ध पेयजल एवं शुद्ध भोजन का उपयोग करें। सड़े-गले फल एवं खाद्य पदार्थो का उपयोग न करें, खाना खाने से पहले एवं शौच के बाद साबुन से अवश्य हाथ धोयें। खुले में शौच न करें, शौचालय का उपयोग करें। घर के आस-पास साफ सफाई रखें, पानी जमा ना होने दें। पानी के निकास की उचित व्यवस्था करें। दस्त लग जाने पर ओआरएस एवं जिंक सल्फेट की गोली का उपयोग चिकित्सक की सलाह से करें। मक्खियों से बचाव करें। हरी सब्जी एवं फलों के उपयोग करने से पहले साफ पानी से धोकर उपयोग करें।

मलेरिया/डेंगू रोग – बरसात में मलेरिया / डेंगू रोग भी फैलता है जिसमें मरीज को ठण्ड लगकर बुखार आता है। प्रायः खेत, तालाब, गड्डे, खाई, घर के आसपास रखे हुए टूटे-फूटे डब्बे, पुराने टायर, पशु के पानी पीने का होद इत्यादि में बरसात के दिनों में जल जमा हो जाता है। इस प्रकार के भरे हुए पानी में मच्छर के लार्वा पैदा होते हैं जो बाद में मच्छर बनकर रोग फैलाते हैं। मलेरिया से बचाव हेतु घर के आसपास जल जमा न होने दें, रूके हुए पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ ऑईल डालें। कूलर, फुलदान, फ्रिज ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार अवश्य साफ करें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। किटनाशक का छिड़काव करवायें। मलेरिया रोग हो जाने पर खून की जांच अवश्य करायें एवं चिकित्सक की सलाह से पूर्ण उपचार लें।