पिछले कुछ सालों में पेट से संबंधित कैंसर में हुई बढ़ोतरी, वहीं इसका सकारात्मक पहलू यह हैं, कि एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और बढ़ती जागरूकता से इसका इलाज़ संभव हैं – डॉ. अविरल जैन बॉम्बे हॉस्पिटल

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इंदौर। आज के दौर में हमारी बदलती जीवन शैली, खान पान, अल्कोहल के सेवन, धूम्रपान, और अन्य कारणों से कुछ सालों में पेट के कैंसर में बढ़ोतरी हुई हैं। वहीं लोगों में भी बेहतर इलाज़ के चलते अब इन बीमारियों से डर खत्म हुआ हैं और जागरूकता बढ़ी हैं। यह बात गेस्ट्रो एंड कैंसर सर्जन डॉ. अविरल जैन ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही। वह गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, जीआई ऑन्कोलॉजी, और एडवांस सर्जरी में शहर के प्रतिष्ठत बॉम्बे हॉस्पिटल में सेवाएं देते हैं। आज हम उनसे पेट से संबंधित बढ़ती कैंसर समस्या के बारे में बात कर इसके होने के कारण और इसके इलाज़ के बारे में जानेंगे।

सवाल. पेट में किस तरह के कैंसर देखने में सामने आ रहे हैं। और इसकी वजह क्या है?

जवाब. कुछ सालों में हेपेटाइटिस बी, अत्यधिक धूम्रपान और अन्य कारणों से लीवर के कैंसर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हेपेटाइटिस बी का सही समय पर इलाज़ ना होने से यह धीरे धीरे कैंसर की संभावना को बढ़ा देता है। कई बार क्रोनिक हेपेटाइटिस बी से लीवर सिरोसिस और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता हैं। इससे पेट में पानी आना,जॉन्डिस , खून की उल्टी आना और अन्य लक्षण सामने आते हैं। इसका इलाज़ सही समय पर करवाने से इसे ठीक करवाया जा सकता हैं। वहीं मरीजों को इससे बचने के लिए शराब और धूम्रपान को पूर्ण रूप से बंद करने की सलाह दी जाती है।

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सवाल. क्या पिछले कुछ सालों में पेट से संबंधित कैंसर बढ़े हैं, वहीं इसको लेकर लोगों में कितनी जागरूकता है?

जवाब.अगर हम बात कुछ समय पहले की करें तो, पहले लोग कैंसर का इलाज़ करवाने के लिए बाहर जाते थे. अब शहर में ही इसका इलाज़ होने से लोग यहीं इसका इलाज़ करवाते हैं। पहले यह भ्रांति हुआ करती थी, कि कैंसर सिर्फ ओल्ड एज में होता हैं। लेकिन अब तो इसके केस 30 साल की उम्र तक भी देखे जाते हैं। वहीं इसमें अब यंग पुरुष और महिलाएं शामिल हैं। बढ़ते आंकड़ों के कई कारण हो सकते हैं लेकिन अल्कोहल का ज्यादा सेवन भी इसके मुख्य कारणों में से एक हैं। इसी के साथ कई बार इस बीमारी की होने की वजह जेनेटिक भी होती है। इसके केस ज्यादा नहीं होते लेकिन किसी की फैमिली हिस्ट्री होने के कारण ऐसे केस देखने को सामने आते हैं।

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सवाल. क्या इससे जुड़ी टेक्नोलॉजी में बदलाव आए हैं, इसका फायदा मरीज़ को कैसे मिलता हैं?

जवाब. पहले के मुकाबले अब पेट के लिए की जाने वाली कैंसर सर्जरी की टेक्नोलॉजी में काफी इंप्रूवमेंट हुआ हैं। वर्तमान में कीमोथेरेपी , रेडियोथेरेपी, एंडोस्कोपी , कोलोनोस्कोपी, ऑपरेशन और इन सब टेक्नोलॉजी से इसका इलाज़ बहुत हद तक बेहतर रूप से किया जा सकता हैं। वहीं पेट के कैंसर की सर्जरी लेप्रोस्कोपी की मदद से की जा सकती हैं। जिसमें बड़ा कट लगने के बजाय छोटे हॉल की मदद से इसका इलाज़ किया जा सकता है। पहले मरीज़ को ऑपरेशन के बाद 15 दिन तक हॉस्पिटल में रहना होता था, लेकिन अब लेप्रोस्कोपी से की जाने वाली सर्जरी से मरीज को तीन से चार दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाता हैं।

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई कहां कहां से पूरी की है

जवाब. मैने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर से पूरी की। इसके बाद में जेजे हॉस्पिटल मुंबई एमएस की पढाई के लिए चला गया था। मैने डीएनबी सूपर स्पेशलिटी की एग्जाम में ऑल इंडिया में टॉप किया था। इसके बाद जीआई सर्जरी की पढ़ाई ऐआईजी हॉस्पिटल हैदराबाद से की। मैने देश के कई बड़े हॉस्पिटल के प्रोग्राम में हिस्सा लिया. साथ ही विदेश के मेडिकल हॉस्पिटल में कई प्रोग्राम में शामिल हुआ। मैंने टाटा हॉस्पिटल मुंबई से ऑब्जर्वशिप प्रोग्राम में हिस्सा लिया। इसके बाद में इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में आ गया यहां पिछले 5 सालों से कार्यरत हूं।