राजयोग की शिक्षा से ही विश्व को शांतिमय बनाया जा सकता है: संतोष दीदी

Suruchi
Published on:

इंदौर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि सेंट पीटर्सबर्ग, रशिया की डायरेक्टर एवं अंतर्राष्ट्रीय वक्ता बीके संतोष कुकरेजा ने कहा कि राजयोग की शिक्षा से ही विश्व को सुख और शांतिमय बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारी रशिया का तीस सदस्यीय सांस्कृतिक दल इसी वर्ष के अंत में इंदौर, उज्जैन, रायपुर सहित कुछ अन्य शहरों में अपनी प्रस्तुति देगा।
बीके संतोष कुकरेजा स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के ’संवाद’ कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों से चर्चा कर रही थी। बीके संतोष दीदी 1989 से रशिया में ईश्वरीय सेवाओं के विस्तार के लिये तैनात हैं।

सेंट पीटर्सबर्ग के अधिकारियों ने इनके कार्यों से प्रभावित होकर वर्ष 2000 में लाइट हाऊस और वर्ष 2014 में माइक हाऊस के लिये पर्याप्त जगह दी जहां आज बडे़ केन्द्र संचालित हो रहे हैं। बीके संतोष दीदी ने बताया कि रशिया में इस वक्त 70 सेवा केन्द्र संचालित हो रहे हैं जिसमें 80 टीचर्स और 2000 रशियन मेंबर्स जूड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि रशिया के बारे में धारणा है कि वहां के लोग धर्म से दूर रहते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। बड़ी संख्या में लोग ड्रिंक्स और स्मोक छोड़कर अध्यात्म से जूड़ रहे हैं। ऐसे मेंबर्स अब शुद्ध सात्विक भोजन, ब्रह्मचर्य ईश्वरीय ज्ञान सुनने और उसे प्रसारित करने का कार्य कर रहे हैं। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने ंबताया कि भारतीय नारियों का सम्मान देकर रशीयन प्रभावित होते हैं।

उन्होंने बताया कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी का सांस्कृतिक दल पिछले कुछ वर्षों से भारत आकर धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर पर केंद्रित कार्यक्रम पेश करता है। यह दल राष्ट्रपति भवन, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली कनार्टक आदि राज्यों में अनेक प्रस्तुति दे चुका हैं। आगामी दिसम्बर माह में यह दल मप्र और छत्तीसगढ़ आएगा। इस आयोजन को लेकर भी उन्होंने कुछ शहरों का दौरा किया। कार्यक्रम में इंदौर क्षे़त्र की संचालिका बीके हेमलता दीदी और बीके अनिता दीदी भी विशेष रूप से मौजूद थी। बीके संतोष दीदी ने इस बात पर चिंता जताई कि आज का भारतीय युवा पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होकर सनातन संस्कृति छोड़ रहे हैं जबकि दुनिया के देश हमारी संस्कृति अपना रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वे जब 1989 में रशीया गई तो सोवियत रूस टूट रहा था। 16 देशों में रूस का विभाजन हुआ लेकिन कई रशीयन अध्यात्म के बीज लेकर अपने-अपने देशों में पहुंच गए। आज कई देशों में अध्यात्म से जीवन को सुंदर बनाने के प्रकल्प चल रहे है। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत मीना राणा, शाह, कमल कस्तुरी, मोहनलाल मंत्री, सुदेश गुप्ता, कृष्णकांत रोकडे़ एवं गौतम मालवीय ने किया। स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने बीके संतोष कुकरेजा का शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया। अंत में प्रवीण धनोतिया ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी और प्रबुद्धजन मौजूद थे।