PDPL कसरावद के श्रमिकों को नही मिला वेतन, धारा 1936 के तहत 3 करोड़ रूपए से अधिक का लगाया केस

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इंदौर संभाग के खरगोन जिले के कसरावद में स्थित पेरेन्ट्रल ड्रग्स इंडिया लिमिटेड में 700 से अधिक श्रमिक/कर्मचारी नियोजित है। संस्थान के प्रबंधन द्वारा श्रमिकों को मार्च 2022 तक के वेतन का भुगतान किया गया, पश्चात में श्रमिकों को वेतन का भुगतान बंद कर दिया गया है। इस संस्थान के बंद होने के संबंध में प्रकरण श्रम न्यायालय में विचाराधीन है।

उप श्रमायुक्त ने जानकारी दी है कि कारखाना निरीक्षक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, खंडवा द्वारा कारखाने के 700 श्रमिक/कर्मचारियों को माह अप्रैल 2022 से जून 2022 तक के वेतन कुल 2 करोड़ 40 लाख 6 हजार 507 रूपये का भुगतान प्रबंधन द्वारा नहीं किये जाने के कारण वेतन भुगतान अधिनियम 1936 के अंतर्गत 16 अगस्त 2022 को प्राधिकारी वेतन भुगतान सह पीठासीन अधिकारी, श्रम न्यायालय, खंडवा के समक्ष सिविल/दावा प्रकरण क्रमांक 10 / 2022 प्रस्तुत किया गया है।

उक्त प्रकरण से संबंधित श्रमिक/कर्मचारियों को देय वेतन राशि सकल मूल्य 2 करोड़ 40 लाख 6 हजार 507 रूपये के भुगतान तथा देय वेतन राशि के अतिरिक्त क्षतिधन/कटौत्रा राशि का 10 गुना सकल 24 करोड़ 6 लाख 5 हजार 70 रूपये के भुगतान का दावा पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, उक्त प्रकरण में श्रम न्यायालय में आगामी तिथि 23 नवम्बर 2022 नियत है।

इसी प्रकार कारखाने 700 श्रमिक/कर्मचारियों को माह जुलाई 2022 से अक्टूबर 2022 तक के वेतन कुल रूपये 3 करोड़ 20 लाख 8 हजार 676 रूपये का भुगतान प्रबंधन द्वारा नहीं किये जाने के कारण वेतन भुगतान अधिनियम 1936 एवं कारखाना निरीक्षक खंडवा द्वारा 14 नवम्बर 2022 को प्राधिकारी वेतन भुगतान सह पीठासीन अधिकारी, श्रम न्यायालय, खंडवा के समक्ष सिविल / दावा प्रकरण क्रमांक 12 / पी.डब्ल्यू ए/ 2022 प्रस्तुत किया गया है।

उक्त प्रकरण से संबंधित श्रमिक/कर्मचारियों को देय वेतन राशि सकल मूल्य 3 करोड़ 20 लाख 8 हजार 676 रूपये के भुगतान तथा देय वेतन राशि के अतिरिक्त क्षतिधन/कटौत्रा राशि का 10 गुना सकल 32 करोड़ 01 लाख 27 हजार 480 रूपये के भुगतान का दावा पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, उक्त प्रकरण में श्रम न्यायालय में आगामी तिथि 19 दिसम्बकर 2022 नियत है। उक्त संस्थान में उत्पादन कार्य निरंतरित बंद होने तथा प्रबंधन द्वारा निर्माणी के बंद होने संबंधी कोई सूचना अथवा बंदीकरण की अनुमति हेतु आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है जिस कारण से उक्त संस्थान डिम्ड बंद माना गया।

उक्त संस्थान में 700 से अधिक श्रमिक / कर्मचारी नियोजित होने से औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 का अध्याय 5-बी प्रभावशील है, जिसके अनुसार किसी भी औद्योगिक स्थापना को बंद करने के पूर्व औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 25- ओ के अंतर्गत राज्य शासन से पूर्वानुमति की आवश्यकता होती है। संस्थान पेरेन्ट्रल ड्रग्स इंडिया लिमिटेड, कसरावद जिला खरगोन के प्रबंधन द्वारा औद्योगिक स्थापना बंद करने के लिये राज्य शासन से अनुमति प्राप्त नहीं की गई है, जिस कारण से उक्त किया गया बंदीकरण अवैधानिक बंदीकरण की श्रेणी में आता है। प्रबंधन द्वारा बगैर अनुमति के कारखाना बंद किया गया है एवं पुनः प्रारंभ करने के संबंध में कोई सूचना या प्रमाण समक्ष नही आए हैं।

बिना अनुमति के बंदीकरण किया जाना औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 25- ओ का उल्लंघन होकर अधिनियम की धारा 25 आर के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। उल्लंघन हेतु श्रम पदाधिकारी, खरगोन को प्रबंधन पेरेन्ट्रल ड्रग्स इंडिया लिमिटेड, कसरावद जिला खरगोन के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में मुकदमा दायर करने हेतु आदेशित किया गया। उक्त आदेश उपरांत श्रम पदाधिकारी, खरगोन द्वारा प्रबंधन के विरूद्ध अभियोजन प्रकरण मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, खरगोन के न्यायालय में दायर किया जा चुका है, जिसका प्रकरण क्रमांक 3006 दिनांक 23 सितम्बर 2022 है, जो कि न्यायालय में विचाराधीन है।

प्रबंधन पेरेन्ट्रल ड्रग्स इंडिया लिमिटेड, कसरावद जिला खरगोन से प्राप्त पत्र में उल्लेखित है कि पेरेन्ट्रल ड्रग्स इंडिया लिमिटेड, कसरावद जिला खरगोन NPA में वर्गीकृत है, जिस कारण पंजाब नेश्नल बैंक द्वारा वसूली याचिका एन.सी.एल.टी. (NCLT) के समक्ष प्रस्तुत की गई है, जिसका प्रकरण क्रमांक CP(IB) 690/NB 2020 है। उक्त प्रकरण में बैंक एवं प्रबंधन ने श्री शांतनु टी. राय को Resolution Professional नियुक्त करने का अनुरोध किया है। ऐसी स्थिति में श्रमिकों की वेतन संबंधी दावा प्रकरणों पर कार्यवाही श्रम न्यायालय में विचाराधीन है तथा औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25-ओ के उल्लंघन हेतु श्रम पदाधिकारी, खरगोन द्वारा अभियोजन प्रकरण मुख्य दण्डाधिकारी, खरगोन में दायर किया जा चुका है जो कि विचाराधीन है।